फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्युचुअल फंड की छह बंद योजनओं को अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में परिपक्वताओं, पूर्व-भुगतान तथा कूपन भुगतान से 438 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। म्युचुअल फंड कंपनी ने मंगलवार को बयान में कहा कि इन योजनाओं को अप्रैल में बंद किया गया था। तब से अब तक इन योजनाओं को 8,741 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं। फ्रैंकलिन ने 23 अप्रैल को निकासी दबाव तथा बॉन्ड बाजार में तरलता की कमी का हवाला देते हुए छह योजनाओं को बंद कर दिया था। जिन योजनाओं को बंद किया गया था उनमें फ्रैंकलिन इंडिया लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनामिक अक्रूअल फंड, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड और फ्रैंकलिन इंडिया इनकम अपॉरच्यूनिटीज फंड शामिल हैं।
म्युचुअल फंड प्रबंधकों, डीलरों के लिए आचार संहिता
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एव विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कोष प्रबंधकों और संपत्ति प्रबंधन कपनियों (एएमसी) के डीलरों के लिए अचार संहिता पेश की है। इस पहल का मकसद उन्हें और जवाबदेह बनाना है। इसके अलावा एएमसी को अपनी म्युचुअल फंड योजनाओं की तरफ से बॉन्ड खंड में व्यापार के समाशोधन और निपटान को लेकर स्वयं-समाशोधन सदस्य बनने की अनुमति दी गई है।
सेबी निदेशक मंडल ने इस संदर्भ में प्रस्ताव को सितंबर में मंजूरी दी थी। नियामक ने 29 अक्टूबर को जारी अधिसूचना में कहा कि एएमसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होगी कि कोष प्रबंधक और डीलर आचार संहिता का पालन करें। इसमें कहा गया है कि आचार संहिता का अगर उल्लंघन होता है तो उसे एएमसी के निदेशक मंडल और न्यासियों के ध्यानार्थ लाया जाएगा। भाषा
