अंतरराष्ट्रीय मंदी के कारण अब विदेशी कर्मियों को अलविदा कहने की शुरुआत हो चुकी है और इसकी शुरुआत करते हुए जेट एयरवेज ने अपने 27 विदेशी पायलटों को नोटिस जारी कर दिया है।
एयरलाइन से जुड़े हुए सूत्रों का कहना है कि कंपनी अपने कुल विदेशी पायलटों में से 40 प्रतिशत या लगभग 100 पायलेटों को आने वाले दिनों में बर्खास्त करने की योजना बना रही है। दरअसल पिछले महीने कंपनी ने 800 केबिन दल के कर्मियों को निकाला था लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण उन्हें वापस बुला लिया गया था।
विमानन उद्योग में मौजूद संकट का सामना करने के लिए कंपनी उड़ानों की संख्या में कटौती या कुछ उड़ानें रद्द करने और कर्मियों की संख्या में कटौती पर विचार कर रही है। उद्योग के अहम सिध्दांत के अनुसार विदेशी कर्मियों का वेतन उनके भारतीय समकक्ष कर्मियों के मुकाबले 40 प्रतिशत अधिक है।
कंपनी की ओर से हाल ही में वेतन में कमी की घोषणा के बाद जेट के भारतीय पायलटों में तनाव बना हुआ है। जेट ने इस बात को स्वीकार किया है कि कंपनी की ओर से कुछ विदेशी पायलटों नोटिस भेजा गया है।
जेट एयरवेज के प्रवक्ता का कहना है, ‘हमने कुछ विदेशी पायलटों को नोटिस भेजा है, जो कंपनी में कॉन्ट्रेक्ट पर अपनी सेवाएं दे रहे थे और उनकी सेवा अवधि का समय भी समाप्त होने वाला है।’ जिन पायलटों की सेवाओं को समाप्त किया जा रहा है वे 737 विमान के क्लासिक बेड़े में काम करते थे।