वैश्विक आर्थिक मंदी से भारतीय आईटी आउटसोर्सिंग कंपनियों को कम ऑर्डर मिल रहे हैं, लेकिन पिछले वित्त वर्ष की दो तिमाही के दौरान कुछ आईटी कंपनियों ने आकार और गुणवत्ता के लिहाज से अच्छा सौदा किया था, जो इस क्षेत्र के लिए बेहतर संकेत है।
गौरतलब है कि विप्रो ने 9 साल के लिए टेलिकाम सेवा प्रदाता कंपनी यूनिटेक वायरलेस के साथ आईटी आउटसोर्सिंग का सौदा करने की घोषण की है। यह सौदा करीब 2,200 करोड़ का है (हालांकि कंपनी ने कोई आकड़ा नहीं मुहैया कराया है)।
इस साल के पहले कंपनी ने 1,182करोड़ का ई-गवर्नेस का समझौता राज्य बीमा निगम के कर्मचारियों से किया था। भारत में कंपनी का यह सबसे बड़ा सौदा है। यूनिटेक वायरलेस पर नार्वे की सबसे बड़ी कंपनी टेलेनोर की भी हिस्सेदारी है। यूनिटेक को देश के 22 क्षेत्रों में टेलीकाम सेवा के लिए लाइसेंस मिला है।
विप्रो यूनिटेक वायरलेस के लिए न केवल एप्लीकेशन स्टेक , ऑपरेशनल सपोर्ट सिस्टम (ओएसएस), बिजनेस सपोर्ट सिस्टम (बीएसएस) और एंटरप्राइसेज रिर्सोस प्लानिंग को स्थापित करेगी, बल्कि पहले चरण में सभी कंप्यूटर केन्द्र पर परिचारक भी स्थापित करेगी। दूसरे चरण में विप्रो यूनिटेक वययरलेस आईटी नेटवर्क के लिए परिचालन और मरम्मत का 7 महीने के लिए प्रबंध करेगी।
विप्रो इन्फोटेक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद शंकर ने कहा कि कंपनी पहले से ही एयरसेल के साथ 600 करोड़ डॉलर ( लगभग 3000 करोड़ रुपये) का आईटी आउटसोर्सिंग करार किया है। अधिकतर आईटी सेवा प्रदाता कंपनियां जैसे टीसीएस ,विप्रो,एचसीएल और इन्फोसिस अब कई सालों का आउटसोर्सिंग करार कर रही हैं, जिससे उनकी आय में उतार-चढ़ाव से बचाव तो होगा ही, कंपनी की दीर्घकालिक विकास में भी सहायक होगा।
संयुक्त कार्यकारी अधिकारी गिरीश परांजपे ने कहा कि विप्रो मौजूदा माहौल और दीर्घकालिक कारोबार को देखते हुए ग्राहकों के चुनाव को लेकर अधिक सर्तक हो गई है। परांजपे कहते हैं कि जब ग्राहक पहले से ही अपने बजट में कटौती कर चुका है, और वे काम को अलग-अलग वेंडरों के बीच बांटने की योजना बना रहे हो, तो इससे किसी को फायदा नहीं होगा।
अंतिम दो तिमाही के दौरान अधिकतर भारतीय आईटी आउटसोर्सिंग सेवा प्रदाता कंपनियों ने वैश्विक आर्थिक मंदी को देखते हुए कई साल के लिए समझौता कर रहे हैं। दरअसल, ऐसा मंदी के महौल से बाहर निकालने लिए रणनीति के तौर पर की जा रही है।
आईटी सेवा प्रदाता कंपनी एचसीएल ने कई साल के लिए समझौता किया है, जिसका आकार बड़ा है। इस वर्ष मार्च में एचसीएल ने 350 करोड़ डॉलर का 7 साल के लिए आउटसोर्सिंग का समझौता मीडिया और मार्केटिंग हाउस रीडर डायजेस्ट के साथ किया है।
साथ ही कंपनी ने 5 साल के लिए 170 करोड़ डॉलर का समझौता माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन और 100 करोड़ डॉलर का समझौता जेरॉक्स कॉरपोरेशन के साथ 6 साल के लिए किया है। इस साल मार्च में टीसीएस का जर्मनी स्थित सेमीकंडक्टर निर्माता कंपनी इनफिनियन टेक्नोलॉजी के साथ लंबी अवधि का समझौता होना निश्चित है।
टीसीएस के कार्यकारी निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी एन. चन्द्रशेखरन के मुताबिक, कंपनी स्वयं ग्राहकों को आईटी, बीपीओ ढांचागत निर्माण और प्रबंधन के क्षेत्र में पूर्ण रूप से सेवा प्रदान करने सक्षम है।
