रोजमर्रा के उपभोग वाली वस्तुओं (एफएमसीजी) की बिक्री वृद्धि अक्टूबर की तुलना में नवंबर में 14.4 प्रतिशत कम रही। ऐसा मु य रूप से किराना की सक्रिय दुकानों में गिरावट के साथ-साथ दीवाली के बाद स्टॉक के निपटाने की वजह से हुआ है। खुदरा की जानकारी रखने वाले प्लेटफॉर्म बिजोम के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। हालांकि सालाना आधार पर उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री 10.4 प्रतिशत बढ़ी है।
नवंबर में किराना की सक्रिय दुकानों में 6.1 प्रतिशत की कमी आई और इनकी औसत मासिक बिक्री 8.8 प्रतिशत कम रही।
नवंबर में पैकेटबंद खाद्य पदार्थों की मांग में सुधार हुआ, जो खाने के लिए तैयार उत्पादों की बिक्री से प्रेरित रहा, क्योंकि आवागमन के बढऩे और लोगों की कार्यालयों में वापसी के कारण घर से बाहर की खपत में इजाफा हुआ है।
बिजोम के प्रमुख (ग्रोथ ऐंड इनसाइट ऑफिसर) अक्षय डिसूजा ने कहा कि पैकेटबंद खाद्य उत्पादों में वृद्धि करने वाली घर से बाहर की खपत बढऩे के साथ उपभोग के पक्ष में कई सकारात्मक चीजें हैं। उन्होंने कहा कि आयात शुल्क में कटौती के कारण खाद्य तेल की कीमतों में राहत भी उपभोक्ता उत्पादोंके मूल्य में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में खास भूमिका निभा सकी थी।
खुदरा दुकानों में स्टॉक एकत्रित करने में एक अस्थायी चुनौती है, विशेष रूप से मिष्ठान वस्तुओं के लिए तथा उत्सव की अतिरिक्त वस्तुओं को निपटाने के लिए कारोबारी योजनाओं की पेशकश की जा रही है।
होमकेयर श्रेणी, जिसमें कपड़े धाने के डिटर्जेंट और बर्तन साफ करने वाले क्लीनर की बिक्री शामिल है, अब भी मांग में गिरावट के साथ-साथ स्वच्छता वाले उत्पादों की कम खरीद के कारण दबाव में है, क्योंकि देश में कोविड के मामले घट रहे हैं।
सर्दियों के मौसम की शुरुआत के कारण दिसंबर में खुदरा दुकानों में क्रीम और मॉइस्चराइजर जैसे व्यक्तिगत देखभाल वाले उत्पादों का अधिक मात्रा में स्टॉक होने की उ मीद है। चाय और कॉफी जैसे गर्म पेय पदार्थों की बिक्री भी दिसंबर में बढऩे की उ मीद है।
