प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट देश के 100 अरब डॉलर के फैशन बाजार को भुनाने की कोशिश कर रही है। ऑनलाइन रिटेल कंपनियां फिलहाल महज 6 फीसदी फैशन बाजार तक पहुंच पाई हैं। अब तक इस बाजार पर काफी हद तक ऑफलाइन कारोबारियों का वर्चस्व रहा है और इसका संचालन देश भर में फैशन स्टोर के जरिये बड़ी पारंपरिक कंपनियां कर रही हैं। हालांकि कोरोनावायरस वैश्विक महामारी ने फैशन उत्पादों की ऑनलाइन खरीदारी के लिए ग्राहकों का रुझान बढ़ाया है।
वॉलमार्ट की स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स कंपनी ने कहा कि फ्लिपकार्ट फैशन ने भारत में फैशन को लोकतांत्रिक बनाया है। अब फ्लिपकार्ट पर 40 फीसदी से अधिक खरीदारों ने फैशन के जरिये पहली बार ई-कॉमर्स की ओर कदम बढ़ाए हैं।
फैशन श्रेणी में फ्लिपकार्ट को एमेजॉन, रिलायंस के जियोमार्ट और फैशन श्रेणी में टाटा समूह का ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म टाटा क्लिक से प्रतिस्पर्धा मिल रही है। इसके लिए कंपनी ने कोई कसर नहीं छोड़ा है। फ्लिपकार्ट बड़े वैश्विक एवं राष्ट्रीय ब्रांडों की पहुंच बढ़ाने के लिए छोटे शहरों एवं कस्बों में अभियान चला रही है। इतना ही नहीं उसने स्थानीय फैशन विक्रेताओं और एमएसएमई के साथ करार भी कर रही है ताकि उनके उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जा सके।
रविवार से शुरू अपने सबसे बड़े फैशन कार्यक्रम बिग बिलियन डे के दौरान फ्लिपकार्ट न केवल महानगरों में बल्कि छोटे शहरों एवं कस्बों में मौजूद खरीदारों को भी फैशन व स्टाइल की व्यापक शृंखला की पेशकश कर रही है। इसका उद्देश्य महानगरों और छोटे शहरों के ग्राहकों के बीच फैशन के प्रति रुझानों और आकांक्षाओं में समानता लाना है।
फ्लिपकार्ट फैशन के उपाध्यक्ष निशित गर्ग ने कहा, ‘त्योहारी सीजन के लिए तैयारी में हमने देश भर के उपभोक्ताओं के लिए स्टाइलों व्यापक संग्रह उपलब्ध कराया है।’ उन्होंने कहा, ‘हम महानगरों और छोटे शहरों के बीच खाई को पाटने के लिए लगातार काम करेंगे जहां लोग मौजूदा फैशन के बेहतरीन रुझानों को हासिल करना चाहते हैं लेकिन संग्रह, कीमत आदि के संदर्भ में उनकी सीमाएं होती हैं।’
विशेषज्ञों के अनुसार, फैशन श्रेणी नए ऑनलाइन खरीदारों को ई-कॉमर्स की ओर ले जाने के लिए एक प्रमुख द्वार के तौर पर काम कर रही है। वे फैशन उत्पादों से अपनी ऑनलाइन खरीदारी की शुरुआत कर रहे हैं। साल 2020 में 35 से 40 फीसदी नए खरीदारों ने फैशन के जरिये अपनी पहली ऑनलाइन खरीदारी की।
