वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा दिया है। सूत्रों बताया कि भारतीय प्रतिस्पद्र्घा आयोग (सीसीआई) द्वारा जांच मामले में कंपनी ने आज उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल कर दी।
सीसीआई फ्लिपकार्ट और उसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनी एमेजॉन के खिलाफ जांच कर रहा है, जिसे रुकवाने के लिए दोनों कपंनियों ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है, इसलिए उनके खिलाफ सीसीआई जांच नियमों के विरूद्घ है। लेकिन कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पिछले हफ्ते उनकी याचिका खारिज कर दी और सीसीआई को जांच जारी रखने की अनुमति दे दी। अदालत ने कहा था कि कंपनियों को सीसीआई जांच का सामना करना चाहिए और पहले से कोई राय नहीं बना लेनी चाहिए।
फ्लिपकार्ट की याचिका का विवरण फिलहाल पता नहीं चल पाया है। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट पर दिखाया गया है कि उसने सीसीआई और अन्य पक्षों के खिलाफ मामला दायर किया है। इस बारे में जानकारी के लिए फ्लिपकार्ट से संपर्क किया गया, लेकिन उसने टिप्पणी करने से मना कर दिया। मामले के जानकार लोगों को कहना है कि एमेजॉन भी कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिका दायर कर सकती है।
ई-कॉमर्स नियमन के प्रस्तावों और रिटेल स्टोरों के आरोपों से जूझ रही एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के लिए सीसीआई की जांच नए झटके की तरह है। ऑफलाइन रिटेलरों का आरोप है कि ई-कॉमर्स कंपनियां जटिल कारोबारी ढांचा बनाकर भारतीय कानूनों की अवहेलना कर रही है। उन पर मोबाइल फोन केवल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उतारने, चुनिंदा विक्रेताओं को बढ़ावा देने और प्रतिस्पद्र्घा खत्म करने के लिए भारी छूट देने जैसे आरोप लगाए गए हैं।
