वैश्विक ऋण संकट से चिंतित कम से कम तीन स्टील कंपनियों ने अपनी विस्तार योजनाओं को फिलहाल ठंडे बस्ते में डालने का फैसला किया है।
इन कंपनियों में जेएसडब्ल्यू स्टील, जिंदल स्टेनलेस और भूषण स्टील शामिल हैं। ये कंपनियां वित्तीय तूफान के थमने का इंतजार कर रही हैं। रतन जिंदल प्रवर्तित जिंदल स्टेनलेस ने उड़ीसा में विस्तार के अपने तीसरे और चौथे चरण को ठंडे बस्ते में डाल दिया है वहीं सान जिंदल की जेएसडब्ल्यू स्टील ने अपनी बंगाल परियोजना सिर्फ कच्चे माल के साथ ही शुरू करने का फैसला किया है।
भूषण स्टील ने भी अपनी बंगाल परियोजना को 6-9 महीने तक आगे बढ़ा दिया है। 2011-12 तक 10 करोड़ टन से अधिक उत्पादन के इस्पात मंत्रालय के लक्ष्य पर भी ग्रहण लगता दिख रहा है।
जेएसडब्ल्यू स्टील के निदेशक (वित्त) सेशगिरि राव ने कहा, ‘पहले चरण में हम पेलेटाइजेशन, बेनेफिशिएशन जैसे कच्चे माल पर ध्यान केंद्रित करेंगे और स्टील परियोजना पर बाद में विचार करेंगे।’ 60 लाख टन के संयंत्र के लिए पहले चरण के दौरान 4,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा जो पूर्व में 15,000 करोड़ रुपये प्रस्तावित था।
राव ने कहा, ‘जब हमने पहले चरण के लिए कुल क्षमता 1 करोड़ टन की 60 लाख टन क्षमता के संयंत्र की घोषणा की थी, उसके बाद बाजार में गिरावट आ गई थी। तब हमने पहले चरण को कच्चे माल के साथ पूरा करने का फैसला किया। 2011-12 तक जेएसडब्ल्यू की ओर से विजयनगर में 1.1 करोड़ टन के विस्तार, सलेम में 10 लाख टन और बंगाल परियोजना के पहले चरण पर काम किया जाना था।’
जिंदल स्टेनलेस ने उड़ीसा में विस्तार के तीसरे और चौथे चरण को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है। जिंदल स्टेनलेस के निदेशक (रणनीति एवं व्यापार विकास) अरविंद पारिख ने कहा कि कंपनी ने विस्तार के तीसरे और चौथे चरणों को अब टाल दिया गया है।
इस विस्तार योजना के तहत विद्युत और स्टेनलेस स्टील क्षमता के स्तर को मौजूदा 250 मेगावाट और 800,000 टन से बढ़ा कर दोगुना किया जाएगा। इस पर तकरीबन 2,000-3,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा जिसका ज्यादा हिस्सा ऋण के जरिये जुटाया जाएगा।
आसनसोल के पास सलनपुर औद्योगिक इलाके में 2-एमटी यानी 20 लाख टन की क्षमता वाले इस्पात संयंत्र और एक 1,000 मेगावाट वाले कैप्टिव विद्युत संयंत्र की स्थापना कर रही भूषण स्टील भी परियोजना की समय-सीमा को आगे बढ़ा रही है।
भूषण स्टील के प्रबंध निदेशक नीरज सिंघल ने कहा, ‘हम अपनी परियोजना को लगभग 6-9 महीने तक आगे बढ़ाएंगे। हमने इस परियोजना को अप्रैल 2009 में शुरू करने की योजना बनाई थी, लेकिन अब इसे आगे बढ़ा दिया गया है।’