देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादन कंपनी एनटीपीसी के सीमेंट उद्योग में एक संयुक्त उपक्रम के तहत उतरने के कदम के साथ ही घरेलू सीमेंट कंपनियों की दिलचस्पी भी बढ़ गई है।
पहले ही कॉर्पोरेशन कई सीमेंट निर्माता कंपनियों को फ्लाई-ऐश मुहैया कराती है, लेकिन मौजूदा सीमेंट निर्माता कंपनियों के साथ गठजोड़ के तहत चार संयंत्र लगाने की योजना ने सीमेंट कंपनियों को इस उद्योग में एनटीपीसी की ओर से निवेश का दिलासा दिया है।
बांगुड़ समूह की श्री सीमेंट एनटीपीसी के साथ संयुक्त उपक्रम में ग्राइंडिंग संयंत्र लगाने की योजना बना रही है। कंपनी ने बिजली बनाने वाली प्रमुख कंपनी को इस मामले में अभिरुचि पत्र भी भेजा है। कंपनी के पास अपने 15 कोयले वाले बिजली संयंत्र हैं और इसके अलावा कंपनी के पास 3 संयंत्र संयुक्त उपक्रम के तहत भी है। इस सभी संयंत्रों से सालाना 2.3 करोड़ टन फ्लाई ऐश मिलती है, जो ब्लेंडेड सीमेंट बनाने के लिए काम आती है।
श्री सीमेंट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एच एम बांगुड़ ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हम निश्चित तौर पर इस तरह के उपक्रम में दिलचस्पी रखते हैं और हम एनटीपीसी के साथ काफी आगे तक बातचीत कर चुके हैं।’ फिल्हाल संयुक्त उपक्रम के प्रारुप की जानकारी नहीं है, लेकिन यह माना जाता है कि पहले से तय कीमतों पर फ्लाई ऐश की आपूर्ति कराने के अलावा एनटीपीसी इन संयंत्रों में निवेश भी करेगी।
सीमेंट निर्माता संघ के अध्यक्ष और श्री सीमेंट के चेयरमैन बांगुड़ का कहना है कि 10 लाख टन सालाना क्षमता वाला यह ग्राइंडिंग संयंत्र हरियाणा, उत्तर प्रदेश या राजस्थान में हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘हम क्लिंकर की आपूर्ति करेंगे और एनटीपीसी फ्लाई ऐश मुहैया कराएगी।’ 20.40 करोड़ टन वाले सीमेंट उद्योग की अन्य कंपनियों ने भी एनटीपीसी के प्रस्ताव का स्वागत किया है।
अंबुजा सीमेंट्स के प्रबंध निदेशक ए एल कपूर का कहना है, ‘एनटीपीसी के साथ ग्राइंडिंग संयंत्र के लिए संयुक्त उपक्रम लगाया जा सकता है। अगर हमारे कारोबारी मॉडल के लिहाज से यह करार सही रहता है तो हमें इसमें दिलचस्पी है। एनटीपीसी के संयंत्र उपभोग केंद्रों के पास ही होगा, जिससे परिवहन मामले में भी लागत में बचत हो सके।’
एनटीपीसी अंबुजा सीमेंट्स के दादरी और फरक्का संयंत्र के लिए फ्लाई ऐश की आपूर्ति करती है। बिनानी सीमेंट के प्रबंध निदेशक विनोद जुनेजा का कहना है, ‘हम प्रस्ताव का निरीक्षण कर रहे हैं, लेकिन अभी इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, क्योंकि जमीन, बाजार, उससे संबंधित चीजें और चूनापत्थर जैसे मामलों पर अभी विचार करना बाकी है।’
जिस समय उद्योग अतिरिक्त क्षमता और मार्जिन के खत्म होने की खतरे का सामना कर रहा है, वहीं सीमेंट निर्माताओं को नई क्षमताओं के आने की चिंता नहीं सता रही। उसका कहना है, ‘यह बुरा दौर ज्यादा देर तक बने रहने वाला नहीं है। सीमेंट कारोबार में विकास हो रहा है।’
एनटीपीसी के मजबूत कदम
एनटीपीसी को सीमेंट कंपनियों से मिले अभिरुचि पत्र
कंपनी हर साल 2.3 करोड़ टन फ्लाई ऐश का उत्पादन करती है
श्री सीमेंट 10 लाख टन क्षमता वाले ग्राइंडिंग संयंत्र पर बना रही है योजना
अंबुजा को अपने कारोबारी मॉडल के लिहाज से सही संयुक्त उपक्रम पर नहीं है कोई आपत्ति