विस्तार की योजनाओं के लिए एस्सार शिपिंग पोर्ट ऐंड लॉजिस्टिक्स ने भी रकम जुटाने का फैसला कर लिया है।
कंपनी चालू वर्ष के अंत तक इन योजनाओं के लिए तकरीबन 190 अरब डॉलर यानी लगभग 8,000 करोड़ रुपये जुटाएगी। एस्सार शिपिंग ने अगले तीन साल के दौरान 15,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा लागत वाली विस्तार योजनाएं शुरू करने की बात कही है। इसमें से लगभग 3,000 करोड़ रुपये इक्विटी निवेश के जरिये आएंगे और बाकी ऋण के जरिये हासिल किए जाएंगे।
कंपनी के निदेशक वी अशोक ने बताया, ‘हम इस साल के अंत तक रकम उगाह लेंगे। पत्तन के कारोबार के लिए हम भारतीय बैंकों से ऋण लेंगे और जहाजरानी तथा लॉजिस्टिक्स के कारोबार के लिए हम विदेश से रकम लेंगे।’
फिलहाल एस्सार समूह के कुल राजस्व में लगभग 65 फीसद हिस्सेदारी जहाजरानी के कारोबार की ही है। एस्सार का मानना है कि 2010-11 तक कंपनी के राजस्व में इस कारोबार का योगदान महज 50 फीसद रह जाएगा।
अशोक ने कहा, ‘पिछले साल हमें कारोबार के लिहाज से महज एक जहाजरानी कंपनी ही माना जाता था। लेकिन जहाजरानी का चरम कुछ दिनों तक ही रहता है और फिर मंदी आती है, इसलिए अब कुछ परेशानी हो रही है।’ इसलिए कंपनी ने अब पत्तनन के कारोबार में भी कदम रखने का फैसला किया है। इस कारोबार में आने के बाद साल भर उसकी कमाई होती रहेगी।
कंपनी पत्तनों पर टर्मिनल बनाने की भी योजना तैयार कर रही है। इसके साथ ही इसने लॉजिस्टिक्स के कारोबार में भी श्रीगणेश कर दिया, जिसे फिलहाल एस्सार स्टील और एस्सार ऑयल के लिए ही चलाया जा रहा है। अशोक ने कहा, ‘भारत में हम एकीकृत कारोबार वाली कंपनी के तौर पर जाने जाते हैं। हमने तीसरे पक्ष को आधार बनाकर लॉजिस्टिक्स का कारोबार शुरू किया है। हम लॉजिस्टिक्स के कारोबार में लंबी छलांग लगाना चाहते हैं। इसके अलावा विभिन्न पत्तनों और टर्मिनलों पर भी हम तमाम परियोजनाओं की संभावना खंगाल रहे हैं।’
उन्होंने बताया कि पत्तनों और टर्मिनलों के मामले में एस्सार महज भारत तक ही सीमित नहीं रहना चाहती। उसका इरादा दुनिया भर में अपने पांव पसारने का है। एस्सार समूह दुनिया भर में परियोजनाओं में निवेश कर रहा है, इसलिए ब्राजील, वियतनाम और अफ्रीका में कंपनी संभावनाएं तलाश रही है।
एस्सार शिपिंग ड्रिलिंग के कारोबार में भी हाथ डाला चुकी है। कंपनी के पास फिलहाल 25 रिग हैं। के जी बेसिन में गैस उत्खनन के लिए उसे जीएसपीसीएल से दीर्घ अवधि का एक ठेका भी हासिल हो चुका है। इस ठेके के तहत कंपनी को रोजाना लगभग 318,000 डॉलर मिल रहे हैं।
कंपनी ने पिछले साल ड्रेजिंग के कारोबार में भी शुरुआत की थी, लेकिन उसका इरादा अपने ही समूह के लिए काम करने का था। लेकिन अब कंपनी इसमें भी विस्तार करने की योजना बना रही है।
अशोक ने बताया, ‘कारोबार के लिहाज से हमारा ध्यान इस पर लग रहा है। इसमें जबरदस्त संभावनाएं हैं। हमने सारे विकल्प खुले रखे हैं।’ एस्सार शिपिंग चीन से दो ड्रेजर भी लाई है, जिनकी कीमत 170 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। उन्हें हजीरा में लगाया गया है, जहां कंपनी नया पत्तन बना रही है।