भारत में ही विमानन कंपनियां मंदी से निपटने के लिए छंटनी की दवा का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं, एशिया के दूसरे देशों में भी ऐसा ही हो रहा है।
ताइवान की सबसे बड़ी विमानन कंपनी चाइना एयरलाइंस ने भी एयर इंडिया की ही तरह अपने कर्मचारियों को अवैतनिक अवकाश पर जाने के लिए कहा है। इसके अलावा कंपनी ने लागत कम करने के लिए अपनी कार्गो क्षमता में भी 10 फीसद की कटौती की है।
चाइना एयरलाइंस के प्रवक्ता ने फोन पर बताया, ‘हम लागत कम करने की कोशिश कर रहे हैं। इसीलिए ये कदम उठाए जा रहे हैं।’ हांगकांग की सबसे बड़ी एयरलाइन कैथे पैसिफिक एयरवेज लिमिटेड भी ऐसा ही कर रही है। कंपनी की प्रवक्ता कैरोलिन लियुंग ने बताया कि कर्मचारियों को अवैतनिक अवकाश पर भेजने की तैयारी की जा रही है।
चाइना एयरलाइन की कमाई में पिछले लगातार दो महीनों से कमी आ रही है क्योंकि मंदी की वजह से दुनिया भर में हवाई उड़ानों से लोग बच रहे हैं। चेन ने बताया कि ताइवान में हवाई कार्गो की मांग भी पिछले साल की तुलना में 20 फीसद कम हो गई है। यही वजह है कि चाइना एयरलाइंस इस साल के अंत तक अवैतनिक अवकाश जैसे तरीके जारी रखेगी।
कैथे पैसिफिक को इस साल की पहली छमाही में घाटा झेलना पड़ा। पिछले पांच साल में पहली बार कंपनी घाटे में गई है। उसके बाद से कंपनी लागत घटाने के तरीके आजमा रही है। उसमें सफर करने वाले यात्रियों की संख्या में भी पिछले 20 महीनों में पहली बार कमी आई है।