अपने ऑनलाइन शिक्षा उद्योग पर चीन के नए प्रतिबंध भारतीय शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए अच्छे संकेत माने जा रहे हैं। बैजूज, अनएकेडेमी और अपग्रेड जैसी भारतीय एडटेक कंपनियां अपने मूल्यांकन मजबूत होने की संभावना देख रही हैं, क्योंकि वे आईपीओ की राह में कदम बढ़ाने से पहले अधिग्रहणों पर गंभीरता से ध्यान दे रही हैं।
कुछ दिन पहले चीन ने अपने 100 अरब डॉलर के एडटेक सेक्टर पर सख्ती बढ़ाई है। चीन में प्राइवेट ट्यूटरिंग और ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने वाली कंपनियां यदि अब ऑनलाइन के जरिये स्कूल पाठ्यक्रम मुहैया कराएंगी तो वे आईपीओ नहीं ला सकेंगी और विदेशी पूंजी नहीं जुटा सकेंगी।
बन्र्सटीन द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार, चीन की एडटेक कंपनियों में इसे लेकर अनिश्चितता पैदा हो गई है और इस वजह से अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्घ चीनी कंपनियों के शेयरों में 50-60 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई।
विश्लेषकों का कहनना है कि इन प्रतिबंधों से चीनी उद्योग पर बड़ा दांव लगाने वाली टेमासेक और टाइगर ग्लोबल जैसी कई वैश्विक पीई कंपनियों के लिए गंभीर चुनौतियां पैदा होंगी।
लेकिन समान पीई फंडों ने भारतीय एडटेक कंपनियों में भी निवेश किया है और वे अब चीन में निवेश की राह में चुनौतियों को देखते हुए भारत में बड़े दांव लगा सकती हैं।
उदाहरण के लिए, टेमासेक ने अपग्रेड में हाल में 12 करोड़ डॉलर का निवेश किया है, जबकि टाइगर ग्लोबल भी बैजूज में लगातार निवेशक रही है और पिछले साल उसने फिर से निवेश किया है।
टाइगर ग्लोबल ने बैजूज की प्रतिस्पर्धियों – अनएकेडेमी और वेदांतू में निवेश कर अपना पूंजीगत जोखिम बढ़ाया है। पिछले साल वह अनएकेडेमी द्वारा 8.6 करोड़ डॉलर की कोष उगाही में प्रमुख निवेशकों में से एक थी। अनएकेडेमी में टाइगर ग्लोबल की 2.7 प्रतिशत शेयरधारिता है।
जुलाई 2019 में, उसने वेदांतू में फिर से निवेश किया, जब वेदांतू ने विभिन्न निवेशकों से 10 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटाई थी। इस तरह से कंपनी में टाइगर ग्लोबल का यह पांचवां निवेश राउंड था।
कुछ बड़ी चीनी कंपनियों के मूल्यांकन को लकर भी चिंताएं मौजूद हैं। चीनी ऑनलाइन शिक्षा ऐप जुओबैंग ने अलीबाबा से 1.6 अरब डॉलर की पूंजी जुटाई और उसका मूल्यांकर 10 अरब डॉलर पर पहुंच जाने का अनुमान है।
लेकिन ये मूल्यांकन नए नियमों के तहत काफी घट सकते हैं, और इनमें आईपीओ और वैश्विक निजी इक्विटी कंपनियों से फंडों से ताजा निवेश, दोनों के लिए कोष उगाही के दरवाजे बंद कर दिए हैं।
अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंजों पर, टीएएल एजूकेशन गु्रप की शेयर वैल्यू घटकर आधी रह गई। वहीं न्यूयार्क एक्सचेंज पर गोआतू टेकदू का शिकार 70 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट का शिकार हुआ। दूसरी तरफ, भारतीय एडटेक कंपनियों के मूल्यांकन में तेजी आई है।
