चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में देश की दिग्गज आईटी कंपनियां मुनाफे की पटरी से फिसल सकती हैं। नामी गिरामी ब्रोकरेज हाउसेज की रिपोर्ट के अनुसार आईटी कंपनियों के लिए तिमाही दर तिमाही की विकास दर बरकरार रखना मुश्किल हो सकता है।
हालांकि अगर आंकड़ों पर नजर डाले तो साल दर साल तेजी से बढ़ रही आईटी कंपनियों की विकास रफ्तार पर भी ब्रेक लगते नजर आ रहे हैं। हालांकि वित्त वर्ष 2007-08 की तीसरी तिमाही इन कंपनियों के लिए अच्छी नहीं रही थी।
अनुमान है कि देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज का राजस्व भी पिछली तिमाही से कम ही रहेगा। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कंपनी की कमाई में पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के मुकाबले 3.7 फीसदी की मामूली सी बढ़त होने का ही अनुमान है।
शेयरखान शोध के एक विश्लेषक ने बताया कि तिमाही दर तिमाही आधार पर डॉलर में होने वाली कमाई 1.9 फीसदी तक कम हो सकती है। जबकि सत्यम और इन्फोसिस की डॉलर में होने वाली कमाई में 3.4-4 फीसदी की गिरावट आने की आशंका है। कुल मिलाकर तिमाही दर तिमाही में डॉलर में होने वाली इन कंपनियों की कमाई में 2-4 फीसदी कमी आएगी।
जबकि साल दर साल आधार पर इस आंकड़े में 4-9 फीसदी की गिरावट आने की आशंका है। उन्होंने बताया कि अगर इन कंपनियों की कमाई को रुपये में देखा जाए तो इसमें 6.1-11.7 फीसदी की बढ़ोतरी होने की संभावना है। इसकी वजह डॉलर के मुकाबले रुपये में 12 फीसदी की गिरावट आना है।
कोटक सिक्योरिटीज के आईटी विश्लेषक ने कहा कि बड़ी आईटी कंपनियों की कमाई डॉलर में कम हो सकती है। इसकी वजह नए और पुराने ग्राहकों की तरफ से कीमतों को लेकर आईटी कंपनियों पर पड़ रहा दबाव, कम मांग और मुद्रा विनिमय दर है।
शेयरखान ने बताया कि इस तिमाही में मांग और काम के घंटे कम होने के कारण आईटी की बड़ी कंपनियों के लिए अपनी कमाई दर बरकरार रखना काफी मुश्किल है।