भारतीय रिजर्व बैंक ने दीवान हाउसिंग फाइनैंस (डीएचएफएल) पर जमा स्वीकार करने को लेकर पाबंदी लगा दी है। कंपनी को बिना जमा लेने वाली आवास वित्त कंपनी के रूप में वर्गीकृत किया गया है। डीएचएफएल पहली वित्तीय सेवा कंपनी है, जो ऋण शोधन प्रक्रिया में गई है। यह कदम पीरामल समूह की समाधान प्रक्रिया के तहत कंपनी के अधिग्रहण की मंजूरी से पहले उठाया गया था। यह बात एनसीएलटी के मुंबई पीठ के सात जून के आदेश में सामने आई। आदेश में पीरामल कैपिटल ऐंड हाउसिंग फाइनैंस के डीएचएफएल के लिए 35,250 करोड़ रुपये की बोली को मंजूरी दी गई थी। न्यायाधिकरण की एच पी चतुर्वेदी और रवि कुमार दुरईसामी की पीठ ने अपने 14 पृष्ठ के आदेश में कहा कि डीएचएफएल अब जमा स्वीकार करने वाली एनबीएफसी नहीं रह गई है। कंपनी अब बिना जमा स्वीकार करने वाली एनबीएफसी होगी। यह बदलाव फरवरी 2021 में उस समय हुआ था।
