कोविड-19 की तीसरी लहर की चिंता के बावजूद रियल एस्टेट डेवलपर त्योहारी सीजन में आवासीय बिक्री में 25 से 30 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। कुछ राज्यों में स्टांप शुल्क में कटौती, कम ब्याज दरों, छूट एवं ऑफर, वर्क फ्रॉम होम के लिए बड़े मकानों की मांग आदि वजहों से पिछले कुछ महीनों से बिक्री में अच्छा रुझान बना हुआ है।
प्रॉपर्टी डेवलपरों के लिए पिछले साल का त्योहारी सीजन अच्छा नहीं रहा था क्योंकि महामारी का आवासों की बिक्री पर बुरा असर पड़ा था। गोदरेज प्रॉपर्टीज के प्रबंध निदेशक और सीईओ मोहित मल्होत्रा ने कहा कि कुल मिलाकर रुझान काफी सकारात्मक है। हमारी हमेशा से इस अवधि में अच्छी बिक्री रही है, जिससे साल बेहतर बिक्री के साथ समाप्त होता है। हम भौगोलिक क्षेत्रों के आधार पर बाजार में आकर्षक परियोजनाएं ला रहे हैं।
गोदरेज प्रॉपर्टीज के चेयरमैन पिरोजशा गोदरेज ने हाल में एक विज्ञप्ति में कहा कि महामारी की दूसरी लहर के कारण कंपनी की बिक्री बुकिंग वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में 68 फीसदी घटी हैं, लेकिन वह वित्त वर्ष की शेष अवधि में तगड़ी बिक्री की उम्मीद कर रही है।
टाटा रियल्टी ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रबंध निदेशक संजय दत्त ने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि पहली और दूसरी तिमाही के मुकाबले मांग 25 से 30 फीसदी बढ़ेगी।’ दत्त ने कहा कि प्रिंट, डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापनों, आकर्षक कीमत एवं भुगतान योजनाओं, बड़े इलेक्ट्रॉनिक सामान की पेशकश, स्टांप शुल्क में छूट आदि से बिक्री को आवश्यक प्रोत्साहन मिलेगा।
मुंबई की सनटेक रियल्टी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कमल खेतान ने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि मुंबई जैसे बाजारों में सुधार जारी रहेगा और आर्थिक सुधार के साथ देश भर में बिक्री में तगड़ा सुधार होगा। हमने पिछले कुछ महीनों के दौरान मांग में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की है।’
खेतान का अनुमान है कि त्योहारी सीजन में नई बिक्री में वृद्धि 25 से 30 फीसदी रहेगी। बेंगलूरु की पूर्वांकरा के प्रबंध निदेशक आशिष आर पूर्वांकरा ने कहा कि उन्होंने पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान बाजार में आवासीय संपत्तियों की मांग में बढ़ोतरी दर्ज की है, विशेष रूप से लक्जरी और अल्ट्रा-लक्जरी खंडों में। देश में काफी मांग दबी हुई है, जो सकारात्मक रुझानों के चलते बाहर आ रही है। उन्होंने कहा, ‘हमारी बिक्री वित्त वर्ष 2021 में 2,200 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर रही, जो दबी हुई मांग का सबूत है।’ फंड प्रबंधन कंपनी मोतीलाल ओसवाल रियल एस्टेट के निदेशक और सीईओ शरद मित्तल ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के स्टांप शुल्क में कुछ समय के लिए कटौती करने से पिछले साल त्योहारी सीजन में मुंबई और पुणे में बिक्री बढ़ी थी। इस बार महामारी की दूसरी लहर के कारण दबी मांग से इस त्योहारी सीजन में वैसे ही बिक्री के रुझान की उम्मीद की जा सकती है।
नाइट फ्रैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि स्टांप शुल्क में कटौती के कारण पुणे एवं मुंबई जैसे बाजारों में वृद्धि से वर्ष की पहली छमाही में बिक्री 67 फीसदी अधिक रही। महाराष्ट्र सरकार ने संपत्ति लेनदेन के लिए स्टांप शुल्क की दरें घटाकर 31 दिसंबर, 2020 तक 2 फीसदी और 31 मार्च, 2021 तक तीन फीसदी कर दी थीं, जिससे राज्य में आवासीय बिक्री में इजाफा हुआ। कर्नाटक ने भी स्टांप शुल्क दरों में कटौती की थी।
ज्यादातर डेवलपरों को भरोसा है कि महामारी से त्योहारी सीजन में आवासीय बिक्री के लिए वैसी ताजा चुनौतियां पैदा नहीं होंगी, जैसी पिछले साल हुई थीं। सनटेक के खेतान ने कहा, ‘बड़े पैमाने पर टीकाकरण होने और दूसरी लहर से मिली सीख के चलते हमारा अनुमान है कि आर्थिक गतिविधियों पर अवरोध के लिहाज से कम असर होगा।’