पर्सनल कंप्यूटर बनाने वाली दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी डेल इनकॉर्पोरेशन को भारत और चीन जैसे उभरते देशों से बहुत उम्मीदें हैं।
कंपनी का मानना है कि दूसरी वित्तीय तिमाही के दौरान इन देशों से उसे उद्योग की उम्मीदों से भी बढ़कर जबरदस्त बिक्री मिलेगी। इसी वजह से कंपनी भारत पर तगड़ा निवेश कर रही है।
डेल के मुख्य मार्केटिंग अधिकारी मार्क जार्विस ने बेंगलुरु में आज बताया कि कंपनी ध्यान मुख्य तौर पर भारत, चीन, ब्राजील और रूस पर है। इन्हीं देशों में उसे ज्यादा से ज्यादा बिक्री होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि पहली छमाही के दौरान डेल की बिक्री में इजाफा भी दूसरी कंप्यूटर कंपनियों के मुकाबले बहुत ज्यादा रहा।
जानकारों के मुताबिक वैश्विक वित्तीय विस्तार में भारत और चीन की भूमिका बहुत अहम है और उभरते हुए बाजारों में सबसे ज्यादा विकास इन्हीं दोनों में होगा। डेल की दूसरी तिमाही की बिक्री उम्मीदों के अनुरूप नहीं रही, इसलिए अगली छमाही के लिए कंपनी ने विकासशील देशों से बड़ी उम्मीदें लगाई हैं।
जार्विस ने बताया कि डेल ने विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए पांच प्रमुख क्षेत्रों पर काम करने का फैसला किया है। ये क्षेत्र हैं – उभरते हुए बाजार, नोटबुक कंप्यूटर, उद्यमी, छोटे कारोबार और ग्राहक। उन्होंने कहा, ‘हमारा कारोबार इन्हीं के बल पर आगे जाएगा। हम एशिया-प्रशांत के बाजार में जबरदस्त निवेश कर रहे हैं और लैटिन अमेरिका पर भी हमारा ध्यान है।’
जार्विस ने कहा कि इनमें से भारत में डेल बहुत बड़ी मात्रा में निवेश करेगी। लेकिन उन्होंने निवेश का ब्योरा देने से इनकार कर दिया। एशिया में व्यावसायिक ग्राहकों के बीच कंपनी की बिक्री में भी 16 फीसद का इजाफा हुआ है। अमेरिका के मुकाबले यहां इजाफे की दर तीन गुना है। पिछली तिमाही के दौरान कंपनी के कुल राजस्व में एशिया की हिस्सेदारी 13 फीसद रही थी।