जिंदल स्टेनलेस की दो सूचीबद्ध कंपनियों के विलय में देरी होती दिख रही है क्योंकि फिलहाल इसके लिए नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है। इस मामले से अवगत अधिकारियों के अनुसार, जिंदल स्टेनलेस (जेएसएल) और जिंदल स्टेनलेस हिसार (जेएसएचएल) के विलय प्रस्ताव को दोनों कंपनियों के बोर्ड से हरी झंडी मिलने के बाद फिलहाल एनसीएलटी में लंबित है। उन्होंने बताया कि यह विलय प्रक्रिया 2022-23 तक खींच सकती है।
जिंदल स्टेनलेस के कंपनी सचिव एवं कानूनी विभाग के प्रमुख नवनीत रघुवंशी ने कहा, ‘कंपनी ने 17 मार्च 2021 को एनसीएलटी के चंडीगढ़ पीठ में फस्र्ट मोशन याचिका दायर की थी। कंपनी के शेयरधारकों एवं लेनदारों के साथ बैठक आयोजित करने के लिए फिलहाल एनसीएलटी के निर्देश का इंतजार किया जा रहा है। इसलिए इस प्रक्रिया में देरी हो सकती है और हो सकता है कि यह वित्त वर्ष 2022-23 तक खींच जाए।’
रघुवंशी ने कहा, ‘निदेशक मंडल ने 29 दिसंबर 2020 को जेएसएल और जेएसएचएल के विलय प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी। मार्च 2021 के पहले सप्ताह में स्टॉक एक्सचेंज से नो एडवर्स ऑब्जर्वेशन लेटर हासिल करने के बाद कंपनी को उम्मीद थी कि वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी छमाही के भीतर सभी मंजूरियां मिल जाएंगी।’
जिंदल स्टेनलेस ने 2015 में अपने करीब 8,500 करोड़ रुपये के ऋण को चार कंपनियों में वितरित करने और ब्याज लागत में कटौती करने के लिए कारोबार को अलग करने की प्रक्रिया शुरू की थी। जेएसएल के अलावा तीन अन्य कंपनियां थीं। जेएसएल और जेएसएचएल अलग-अलग सूचीबद्ध कंपनियां हैं जबकि दो अन्य कंपनियां जिंदल यूनाइटेड स्टील लिमिटेड (जेयूएसएल) और जिंदल कोक लिमिटेड (जेसीएल) गैर-सूचीबद्ध हैं। इस खबर से ओडिशा में जेएसएल की बड़ी नई परियोजना के निष्पादन में देरी हुई जिससे हिसार में परिचालन परिसंपत्तियां प्रभावित हुईं।
जिंदल स्टेनलेस दो बार कॉरपोरेट ऋण पुनर्गठन (सीडीआर) प्रक्रिया से गुजर चुकी है। ऐसे में ऋण पुनर्गठन के लिए अब कोई संभावना न होने के कारण उसे कारोबार को अलग करने की पहल करनी पड़ी। ऐसा नहीं करने पर कंपनी गैर-निष्पादित आस्तियों की श्रेणी में आ सकती थी। कारोबार को अलग करने से सभी चार कंपनियां स्वतंत्र रूप से परिचालन कर सकती थीं।
मार्च 2020 में जेएसएल सीडीआर ढांचे से बाहर निकल गई और दिसंबर 2020 में जेएसएल एवं जेएसएचएल के बोर्ड ने 1:1.9 के शेयर स्वैप अनुपात के साथ जेएसएचएल का विलय जेएसल में करने की मंजूरी दे दी। विलय के बाद जेएसएल स्टॉक एक्सचेंज पर एकल सूचीबद्ध कंपनी बन जाएगी जिसमें प्रवर्तकों की 57 फीसदी हिस्सेदारी होगी जबकि शेष 43 फीसदी हिस्सेदारी आम निवेशकों की होगी।
