अमेरिकी औषधि नियामक यूएसएफडीए द्वारा एब्रिविएटेड न्यू ड्रग ऐप्लिकेशन (एएनडीए) को मंजूरी देने की रफ्तार घटकर कोविड पूर्व स्तर के मुकाबले लगभग आधी रह गई है। इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च के ताजा आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है। अमेरिकी औषधि नियामक ने कैलेंडर वर्ष 2019 की पहली छमाही में 670 वैश्विक एएनडीए को मंजूरी दी थी जबकि कैलेंडर वर्ष 2021 की पहली छमाही में यह संख्या घटकर 328 रह गई है।
इसमें भारतीय औषधि कंपनियों को दी गई एएनडीए मंजूरियां कैलेंडर वर्ष 2019 की पहली छमाही में 267 थीं जो करीब 49 फीसदी घटकर कैलेंडर वर्ष 2021 की पहली छमाही में 137 रह गई। हालांकि वैश्विक एएनडीए मंजूरियों में भारत की हिस्सेदारी 40 से 42 फीसदी पर लगभग स्थिर रही। रेटिंग एजेंसी के विश्लेषकों ने कहा है कि इस दौरान विनिर्माण संयंत्रों का भौतिक निरीक्षण नहीं किया गया और दवाओं को मंजूरी जरूरत के आधार पर दी गई। उन्होंने कहा कि कैलेंडर वर्ष 2021 की पहली छमाही में भारतीय कंपनियों को कोविड पूर्व स्तर के मुकाबले कुछ ही ताजा मंजूरियां हासिल हुईं।
विश्लेषकों ने कहा, ‘अपने मौजूदा उत्पाद पोर्टफोलियो को रफ्तार देने की कोशिश कर रहीं भारतीय कंपनियों को नई मंजूरियों के अभाव में मूल्य निर्धारण के मोर्चे पर गिरावट के रुझान का सामना करना पड़ा।’ हालांकि 2021-22 की पहली तिमाही के दौरान अमेरिकी बाजार में जबरदस्त मूल्यह्रïास दिखा। अधिकतर भारतीय दवा कंपनियों ने अमेरिकी बाजार से प्राप्त राजस्व में सालाना और तिमाही दोनों आधारों पर गिरावट दर्ज की है।
भारत में बड़ी औषधि कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाला संगठन इंडियन फार्मास्युटिकल्स अलायंस के महासचिव सुदर्शन जैन ने कहा कि वैश्विक महामारी के दौरान यूएसएफडीए के निरीक्षण में कमी आई है।
बायोकॉन बायोलॉजिक्स के प्रबंध निदेशक अरुण चंदवरकर ने कहा, ‘पिछले डेढ़ साल के दौरान यूएसएफडीए मंजूरियों में काफी देरी हुई है, विशेष तौर पर संयंत्रों के निरीक्षण के संबंध में। संयंत्रों के निरीक्षण पर जोर न देने वाली अन्य देशों की कई एजेंसियों (नियामक) ने वर्चुअल निरीक्षण किए अथवा पूर्व निरीक्षण के परिणामों को आधार बनाए।’ उन्होंने कहा कि वास्तव में वैश्विक महामारी के दौरान निरीक्षण में काफी कमी आई है। उन्होंने यह भी स्पष्टï किया कि यूएसएफडीए द्वारा वर्चुअल निरीक्षण के लिए बातचीत शुरू हुई है लेकिन ऐसा सबसे पहले अमेरिकी संयंत्रों में किया जाएगा। आगामी महीनों मेंं भारतीय निरीक्षण में तेजी आने के आसार हैं।
ल्यूपिन की मुख्य कार्याधिकारी विनीता गुप्ता ने कहा कि यूएसएफडीए के भारतीय कार्यालय द्वारा निरीक्षण को जल्द सुचारु किए जाने की संभावना है।