सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को विश्वस्त सूचनाएं मुहैया कराने और उनके मार्गदर्शन के लिए इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) ने एक ‘डाटा सेंटर’ के निर्माण का प्रस्ताव रखा है। इस सेंटर में इस क्षेत्र से जुड़ी तमाम सूचनाएं शामिल होंगी।
आईआईए उत्तर प्रदेश में लघु एवं मझोले उद्यमों के विकास के लिए काम करने वाली एक प्रमुख संस्था है। ‘डाटा सेंटर’ एक ऐसा वेब आधारित एसएमई सॉफ्टवेयर है जिसमें एमएसएमई से संबद्ध नई नीतियों, अधिसूचनाओं और स्कीमों जैसी सूचनाएं शामिल किया गया है। यह सेंटर उद्यमियों की समस्याओं और संदेहों पर समाधान भी मुहैया कराएगा।
आईआईए के कार्यकारी निदेशक डी. एस. वर्मा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हमने इस सॉफ्टवेयर की खरीद पर 10 लाख रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है। यह सॉफ्टवेयर 3 महीने की अवधि में तैयार हो जाएगा। लघु एवं मझोले उद्यमों (एसएमई) के लिए यह एक मंच मुहैया कराएगा।’
मौजूदा एसएमई, भावी एसएमई औद्योगिक संगठन, शैक्षणिक संस्थान, सरकारी विभाग, नीति निर्माता आदि इसके मुख्य लाभार्थी होंगे। मौजूदा समय में आमतौर पर एसएमई को इस उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों से संबद्ध तथ्यों और आंकड़ों के बारे में विश्वस्त सूचनाएं हासिल करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
इसे देखते हुए इस डाटा सेंटर की जरूरत महसूस की जा रही है। इसके अलावा एसएसआई भी विशेषज्ञता के अभाव से जूझ रहे हैं। डाटा सेंटर एक ऐसा मंच है जहां कोई भी उद्यमी अपनी समस्या भेज सकता है जिस पर निश्चित तौर पर ध्यान दिया जाएगा।
वर्मा ने कहा, ‘सामान्यत: सूक्ष्म एवं लघु उद्यमी प्रबंधन स्नातकों के लिए अधिक वेतन वाले पैकेज देने में सक्षम नहीं हैं और इसलिए इनकी ओर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता है। कुशल प्रबंधन सलाह और सहायता किसी भी क्षेत्र की तरक्की के लिए बेहद जरूरी है। इस डाटा सेंटर के जरिये उद्यमियों को सूचनाएं मुहैया कराए जाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा ताकि वे कम से कम नुकसान के साथ अधिक से अधिक रिटर्न सुनिश्चित कर सकें।’
यह डाटा सेंटर आईआईए और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के एक साझा उपक्रम स्मॉल इंडस्ट्रीज इन्फोर्मेशन ऐंड सर्विस सेंटर (एसआईआईएससी) की मौजूदा पहल का एक हिस्सा है। एसआईआईएससी औद्योगिक विकास को बढ़ावा दिए जाने के लक्ष्य के साथ उद्योग आधारित सूचनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए एक केंद्र के तौर पर काम करता है।
वर्मा ने कहा, ‘विद्युत उपलब्धता, प्रौद्योगिकी उन्नयन, ऋण उपलब्धता, कर निर्धारण आदि जैसे प्रमुख मुद्दों पर हमारे विशेषज्ञ समूह के सदस्य विशेष परामर्श मुहैया कराएंगे। इससे इंटरनेट और ई-कॉमर्स के जरिये एसएमई के बाजार क्षेत्र को व्यापक बनाने में मदद मिलेगी।’
अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच बनाए जाने के उद्देश्य से आईआईए ने गैर-आईआईए सदस्यों के लिए काल्पनिक शुल्क रखे जाने का फैसला किया है ताकि इस सुविधा से अधिक लोग जुड़ सकें। फिलहाल राज्य में तकरीबन 15 लाख पंजीकृत और गैर-पंजीकृत एमएसएमई हैं।
वर्मा ने कहा, ‘लगभग 5 गीगाबाइट क्षमता के साथ यह सॉफ्टवेयर बाद में एक पोर्टल में तब्दील हो जाएगा।’