भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने दो बड़ी जापानी बियरिंग कंपनियों एनएसके और जेटीईकेटी द्वारा एनटीएन कॉर्पोरेशन जापान के खिलाफ दायर याचिकाएं खारिज कर दी है। एनटीएन जापान की बियरिंग विनिर्माता कंपनी है।
एनएसके और जेटीईकेटी ने आरोप लगाए थे कि उन्होंने जापान में एनटीएन के साथ गुटबंदी की थी, जिससे कि भारत में कुछ कार विनिर्माताओं को ऑटो बियरिंग की आपूर्ति की जा सके। आयोग ने उदारता याची के रूप में एनएसके की ओर से दायर आवेदन के आधार पर आरोपों की जांच की। उदारता नियमन उन लोगों को संरक्षण प्रदान करता है, जो आगे आते हैं और ईमानदारी से सूचनाएं देते हैं।
इस याचिका के आधार पर आयोग ने डायरेक्टर जनरल (डीजी) को मामले की जांच का निर्देश दिया। जब यह मामला डीजी के पास लंबित था, उसी समय जेटीईकेटी ने भी उदारता याची के रूप में आवेदन किया।
बहरहाल आयोग ने एनटीएन कॉर्पोरेशन के पक्ष में नियम दिए, जिसमें एनएसके और जेटीईकेटी की ओर से दिए गए साक्ष्यों को खारिज कर दिया गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह दिलचस्प है कि तीन सदस्यों में से दो उदारता याची थे, जिन्होंने गुटबंदी का आरोप लगाया और उसके बावजूद सीआईआई ने पाया कि याची एनटीएन कॉर्पोरेशन की गुटबंदी का साक्ष्य नहीं दे पाए।
एनटीएन के वकील वैभव गागर ने कहा इस फैसले से कारोबारी समुदाय का भरोसा बहाल होगा।