इस बार दीपावली की छुट्टियों के बाद जब बंबई उच्च न्यायालय का कामकाज फिर शुरू होगा तो उम्मीद है कि रिलायंस इंडस्टीज लिमिटेड (आरइआईएल) और रिलायंस नैचुरल रिसोर्सेज (आरएनआरएल) के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद का निपटारा हो सकता है।
इस मामले की सुनवाई लगभग पूरी हो चुकी है। माना जा रहा है कि इस महीने की किसी भी तारीख को न्यायालय अपना फैसला सुना सकता है। इस मामले पर अगली सुनवाई मंगलवार को होनी है।
अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की कंपनी आरएनआरएल ने अपनी बिजली परियोजनाओं के लिए गैस आपूर्ति के मामले को लेकर मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के खिलाफ मुकदमा दायर किया था।
बंटवारे के दौरान दोनों भाइयों के बीच हुए समझौते के तहत मुकेश की आरआईएल को अनिल अंबानी समूह की बिजली परियोजनाओं के लिए गैस की आपूर्ति करनी थी। जबकि आरआईएल ने ऐसा नहीं किया। इसीलिए अनिल अंबानी की कंपनी ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
फिलहाल इस मामले में दो बातों पर बहस हो रही थी। ये बातें हैं- दोनों भाइयों के बीच हुए सहमति पत्र और क्या इन दोनों के बीच चल रहे इस विवाद में केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए या नहीं । न्यायाधीश जे एन पटेल और के के तातेड़ की पीठ ने पिछले महीने ही दोनों भाइयों की सहमति से सरकार को इस मामले में एक पक्षकार बनाया था। पहले अनिल अंबानी समूह ने सरकार को इस मामले में पार्टी बनाने का विरोध किया था। लेकिन फिर कंपनी इस बात पर सहमत हो गई थी।
सरकारी वकील टी एस दोआबिया ने बताया कि सरकार को इस दोनों भाइयों के बीच हुए समझौते से कोई लेना-देना नहीं है। सरकार को इस बात से मतलब है कि गैस किस कीमत पर बेची जाएगी। इस साल सितंबर में ही न्यायालय ने दोनों भाइयों के बीच हुए समझौते की वह प्रतिलिपि मांगी थी, जिसमे गैस आपूर्ति को लेकर समझौता हो।
आरएनआरएल के वकील रामजेठ मलानी ने यह कागजात न्यायालय में जमा करा दिए थे। माना जा रहा है कि फैसला सुनाते समय न्यायधीश इस समझौते को भी ध्यान में रखेंगे।