अमेरिकी खाद्य एवं दवा प्रशासन विभाग (यूएसएफडीए) ने सन फार्मा की अमेरिकी इकाई कैराको फार्मास्युटिकल लैबोरेट्रीज के खिलाफ एक चेतावनी पत्र जारी कर दिया है।
इस पत्र में यूएसएफडीए ने कंपनी के डेट्रॉयट संयंत्र में बनने वाली सभी दवाओं की मार्केटिंग पर रोक लगा दी है। मई में कंपनी के संयंत्र की जांच में यूएसएफडीए को दवा निर्माण प्रक्रिया में कुछ खामियां नजर आई थी। इसी के चलते यूएसएफडीए ने यह कदम उठाया है।
अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कराको ने बताया कि एफडीए की जांच टीम को इस बार पिछली बार जैसी कुछ शिकायतें मिली हैं। इसीलिए हमें यह चेतावनी पत्र दिया गया है। कंपनी ने कहा, ‘कंपनी 15 दिनों के भीतर ही यूएसएफडीए को इस बारे में सफाई देगी। कंपनी इस मामले को सुलझाने के लिए यूएसएफडीए के साथ मिलकर काम करेगी। कंपनी को भरोसा है कि सभी समस्याओं का हल निकाल लिया जाएगा।’
सन फार्मा के प्रवक्ता ने बताया कि यूएसएफडीए के इस कदम से अमेरिका से आने वाले कंपनी के राजस्व पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। दरअसल कंपनी के सभी उत्पाद अमेरिका में बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। सन के प्रवक्ता ने कहा, ‘यूएसएफडीए के पास मार्केटिंग अनुमति के लिए कैराको के लगभग 19 आवेदन लंबित पड़े हैं। जबकि यूएसएफडीए के पास सन फार्मा के ऐसे 96 आवेदन लंबित पड़े हैं।’
भारतीय फार्मा कंपनियों में से अमेरिका में सबसे ज्यादा कारोबार करने वाली कंपनी सन फार्मा ही है। कंपनी की कुल कमाई का 40 फीसदी हिस्सा अमेरिकी बाजार में हुई बिक्री से ही आता है।
कंपनी ने कहा कि यूएसएफडीए के इस चेतावनी पत्र के कारण कंपनी की सबसे ज्यादा बिक्री वाली प्रोटोनिक्स और इथियोल की बिक्री पर कोई असर नहीं पड़ेगा।