कोलकाता के लोढ़ा परिवार के साथ कानूनी लड़ाई लड़ रहे प्रियंवदा बिड़ला एस्टेट के प्रशासकों ने एमपी बिड़ला समूह की विभिन्न कंपनियों के शेयरधारकों से कहा है कि वे समूह की सभी चार कंपनियों के बोर्ड में अपने नामांकित व्यक्तियों के लिए मतदान करें। प्रवर्तक कंपनी पंजाब प्रोड्यूस ट्रेडिंग कंपनी लिमिटेड (पीपीटीसीएल) ने हर्षवर्धन लोढ़ा की जगह सतीश प्रधान को निदेशक के रूप में प्रस्तावित किया है। लोढ़ा भी इस दौड़ में शामिल हैं।
इसके अलावा पीपीटीसीएल ने बिड़ला केबल के बोर्ड के लिए अपने नामित व्यक्ति के रूप में चार्टर्ड अकाउंटेंट धनपत राम अग्रवाल को प्रस्तावित किया है। होल्डिंग कंपनी ने विंध्य टेलीलिंक्स और यूनिवर्सल केबल्स के बोर्ड में अग्रवाल और सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्यामल कांति चक्रवर्ती की नियुक्ति का भी प्रस्ताव दिया है। बिड़ला कॉरपोरेशन में प्रशासकों ने आरएस ठाकुर और चक्रवर्ती को निदेशक के तौर पर नामांकित किया है।
इसके साथ ही गुरुवार को होने वाली बिड़ला केबल, विंध्य टेलीलिंक्स और यूनिवर्सल केबल्स की वार्षिक आम बैठक में काफी गर्माहट रहने के आसार हैं क्योंकि इन कंपनियों को नियंत्रित करने वाले लोढ़ा परिवार ने हितों के टकराव का हवाला देते हुए शेयरधारकों को पीपीटीसीएल के प्रस्तावों को खारिज करने के लिए कहा है। बिड़ला कॉरपोरेशन की वार्षिक आम बैठक 29 सितंबर को होगी।
शेयरधारकों को भेजे गए एक नोट में बिड़ला केबल ने कहा है कि पीपीटीसीएल ये प्रस्ताव सेवानिवृत्त न्यायाधीश मोहित शाह और एसी चक्रवर्ती के निर्देश पर ला रही है। ये दिवंगत प्रियंवदा बिड़ला की संपत्तियों के तीन संयुक्त प्रशासकों में से दो हैं। कंपनी ने कहा कि तीसरा प्रशासक महेंद्र कुमार शर्मा पूरी तरह से उनका विरोध कर रहे हैं।
उद्योग के एक सूत्र ने कहा कि फिलहाल इन दोनों खेमों की चारों कंपनियों में लगभग बराबर हिस्सेदारी है। ऐसे में वित्तीय संस्थानों सहित शेष शेयरधारकों का मतदान काफी महत्त्वपूर्ण हो जाता है।
बिड़ला केबल ने कहा कि पंजाब प्रोड्यूस का एमपी बिड़ला समूह की कंपनियों के साथ मुकदमेबाजी चल रही है। ऐसे में अग्रवाल और प्रधान को बोर्ड में शामिल करना संभावित हितों के टकराव के कारण कंपनी एवं अन्य हितधारकों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
शाह और चक्रवर्ती दोनों ने बार-बार कंपनी को पत्र लिखकर तमाम आंतरिक/ गोपनीय जानकारियों को साझा करने और
अपने निर्देशों के अनुसार कार्य करने के लिए कहा है। ऐसे में किसी भी निदेशक को बोर्ड में शामिल किए जाने से कंपनी के प्रबंधन संबंधी गोपनीय एवं अंदरूनी जानकारियों को अनधिकृत तौर पर साझे करने की समस्या पैदा हो जाएगी। बिड़ला केबल ने कहा कि प्रवर्तक शेयरधारक के जरिये निदेशकों की नियुक्ति कंपनी के नामांकन एवं पारिश्रमिक समिति, निदेशक मंडल और बोर्ड की अखंडता से समझौता करना होगा।
अन्य निदेशकों के नामांकन के खिलाफ भी कंपनियों द्वारा इसी तरह की दलील दी गई थी।
