चीन की शून्य कोविड नीति के कारण टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं की कंपनियों पर दोबारा असर पड़ सकता है क्योंकि दीवाली के बाद बाजारों में कलपुर्जों की कमी आने की आशंका है।
हालांकि वैश्विक महामारी की शुरुआत के बाद से आपूर्ति श्रृंखला के मसले समस्या रहे हैं, लेकिन चीन की शून्य कोविड रणनीति ने भी उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं वाली कंपनियों के लिए एक और खतरा पैदा कर दिया है। टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के 25 से 75 प्रतिशत कलपुर्जे चीन से आते हैं। इनमें से 75 प्रतिशत के साथ एयरकंडीशनर उन पर सबसे अधिक निर्भर रहते हैं।
कंपनियां त्योहारी सीजन से पहले कलपुर्जों का स्टॉक तो कर चुकी हैं, लेकिन त्योहारी सीजन के बाद भी बाजार में यह कमी आएगी और अगर चीन अपनी शून्य कोविड रणनीति जारी रखता है, तो इससे उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के गर्मियों के उत्पादन पर असर पड़ सकता है। यह लॉकडाउन पिछले महीने चीन द्वारा प्रतिबंध हटाने के एक महीने के भीतर लगाया गया है क्योंकि कोविड के मामलों में तेजी देखा देखी गई है।
हालांकि कुछ ब्रांडों ने त्योहारी सीजन से पहले कुछ महीनों के लिए पर्याप्त स्टॉक खरीद लिया है, लेकिन कुछ ब्रांड दिवाली के बाद नवंबर से दिसंबर के अंत तक एक महीने के दौरान कमी की आशंका जता रहे हैं। अलबत्ता टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं वाली कंपनियों के पक्ष में एक बात यह है कि पिछले महीने मांग उतनी मजबूत नहीं रही, इसलिए आपूर्ति श्रृंखला में स्टॉक बचा हुआ है, जो त्योहारी सीजन के दौरान इस क्षेत्र को राहत प्रदान करेगा।
कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड अप्लायंसेज मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एरिक ब्रैगेंजा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया ‘किसी भी कंपनी के पास किल्लत नहीं है और पिछले महीने कमजोर मांग की वजह से वैसे भी बाजार में स्टॉक रहा है। लेकिन अगर दो सप्ताह के बाद भी लॉकडाउन जारी रहता है, तो इसका असर पड़ सकता है।’ भारत में कोडक, थॉमसन, ब्लौपंकट और वेस्टिंगहाउस ब्रांडों की लाइसेंसधारक सुपर प्लास्ट्रोनिक्स को भी दीवाली के बाद कुलपुर्जों की कमी आने की आशंका नजर आ रही है।
