कोविड-19 संक्रमण फिर से बढऩे की वजह से एफएमसीजी कंपनियां सुदूर स्थानों के खुदरा विक्रेताओं तक सामान की डिलिवरी सुनिश्चित करने के लिए जोर-शोर से लगी हुई हैं ताकि बिक्री कर्मचारियों के बीमार पडऩे पर भी किसी बाधा के बिना आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। हालांकि स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में लग रही है और उपभोक्ता कंपनियों ने फोन कॉल के जरिये ऑर्डर लेना शुरू किए हैं और वे खुदरा विक्रेताओं को अपने बी2बी (बिजनेस टू बिजनेस) ऐप्लिकेशंस के जरिये ऑर्डर देने का आग्रह कर रही हैं। खुदरा विक्रेता भी अपनी इन्वेंट्री बढ़ा रहे हैं ताकि सामान की कमी न हो।
अदाणी विल्मर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशु मलिक ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘जमीनी स्तर पर हालात नियंत्रण में हैं और संभावना यह है कि बिक्री कर्मचारी भी बीमार पड़ सकते हैं ऐसे में जनवरी के आखिर में किसी भी तरह की बाधा आ सकती है।’ कंपनी खाद्य तेल, गेहूं का आटा और चावल जैसे अनिवार्य सामान की बिक्री करती है। उन्होंने बताया कि कंपनी खुदरा विक्रेताओं को सीधे ऐप से ऑर्डर देने का आग्रह कर रही है ताकि बिक्री के काम से जुड़े लोगों को उनसे रोजाना संपर्क न करना पड़े। मलिक ने कहा, ‘हमने बड़े स्टॉक की यूनिट के लिए मांग में तेजी देखी है और 5 लीटर वाले पैक की मांग में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है।’ चेन्नई की कंपनी केविनकेयर ने भी जमीनी स्तर पर कुछ बाधा देखी है लेकिन कंपनी का कहना है कि हालात अभी नियंत्रण में हैं। इसकी रणनीति अदाणी विल्मर के समान ही है और इसने भी खुदरा विक्रेताओं को अपने ऐप के जरिये ऑर्डर देने के लिए कहा है।
केविनकेयर के सीईओ और निदेशक (एफएमसीजी) वेंकटेश विजयराघवन का कहना है, ‘अगर बिक्री स्टाफ की कमी होगी तो हम ऑर्डरों के लिए अपने प्रशिक्षुओं की सेवाएं भी लेंगे।’ विजयराघवन का कहना है कि एफएमसीजी कंपनियां पैकेजिंग वस्तुओं के आयात में बड़ी चुनौती का सामना कर रही हैं जो चीन से आती हैं। पारले-जी और मोनैको बिस्कुट की बिक्री करने वाली कंपनी पारले प्रोडक्ट्स ने जनवरी में अब तक ऑनलाइन बिक्री में 15 से 20 फीसदी की तेजी देखी है क्योंकि ज्यादातर ग्राहक घर में हैं और ऑर्डर कर रहे हैं। महामारी की तीसरी लहर के दौरान खुदरा विक्रेताओं के पास सामान की कमी न रहे, लिहाजा बिस्कुट की एक बड़ी कंपनी के बिक्री स्टाफ ने खुदरा विक्रेताओं से कहा है कि वे ज्यादा सामान का भंडार रखें। पारले प्रोडक्ट्स के कैटेगरी प्रमुख मयंक शाह ने कहा, ‘हमारे सेल्समैन फोन पर भी ऑर्डर ले रहे हैं और ऐप से मिले ऑर्डर पर काम कर रहे हैं।’
वितरणकर्ता भी जमीनी स्तर पर कर्मचारियों को तैनात करने की रणनीति को तार्किक बना रहे हैं ताकि उनके बिक्री स्टाफ की कमी न हो और ऑर्डर पर काम किया जा सके। रिटेल इंटेलीजेंस प्लेटफॉर्म बाइजॉम के डेटा के मुताबिक खुदरा विक्रेता सामान्य से ज्यादा संग्रह कर रहे हैं। बाइजॉम के प्रमुख (वृद्धि) अक्षय डिसूजा कहते हैं, ‘हम डेटा के जरिये देख रहे हैं कि किराना सामान जुटाने की दर 5 फीसदी अधिक है क्योंकि सक्रिय किराना दुकानों की तादाद में 11 फीसदी की कमी आई है। अधिक संग्रह करने का रुझान इस वजह से है क्योंकि ब्रांड बिना किसी बाधा के उत्पादों की उपलब्धता चाहते हैं। इसके अलावा इस क्षेत्र की बिक्री टीमों के 10 से 20 फीसदी सदस्यों पर इस लहर का असर पड़ा है।’
अखिल भारतीय ग्राहक उत्पाद वितरक संघ के अध्यक्ष धैर्यशील पाटिल कहते हैं, ‘जमीनी स्तर पर कोई बड़ी दिक्कत नहीं है और वितरकों ने फोन पर ऑर्डर लेना शुरू कर दिया है और कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसकी वजह से वितरकों को जमीनी स्तर कम कर्मचारी रखने में मदद मिल रही है।’
