दुनिया भर में पेट्रो उत्पादों के दामों में गिरावट आ रही है, लेकिन देसी तेल विपणन कंपनियों ने व्यावसायिक इस्तेमाल में आने वाली रसोई गैस (एलपीजी) की कीमत बढ़ा दी है।
नवंबर के महीने में कंपनियों ने इसकी कीमत में 1.21 फीसद का इजाफा कर दिया है। देश में 50 फीसद से ज्यादा रसोई गैस की आपूर्ति इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन करती है। उसके एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘सितंबर के मुकाबले अक्टूबर में रसोई गैस की अंतरराष्ट्रीय कीमत बढ़ गई है। सर्दी नजदीक आते ही कीमतों में हर साल इजाफा हो जाता है।’
रसोई गैस में ब्यूटेन और प्रोपेन गैस का मिश्रण होता है। जाड़े में प्रोपेन की मांग बढ़ जाती है क्योंकि अमेरिका और यूरोप में गर्मी पैदा करने के लिए इसका इस्तेमाल होता है। इसी वजह से रसोई गैस के दाम भी बढ़ जाते हैं।
इंडियन ऑयल व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए 19 किलोग्राम के सिलिंडर में गैस देती है। इसकी कीमत अक्टूबर में 1095.24 रुपये थी, जिसे नवंबर में बढ़ाकर 1,108.5 रुपये कर दिया गया। व्यावसायिक रसोई गैस पर घरेलू गैस की तरह सब्सिडी नहीं मिलती है और तेल विपणन कंपनियां हरेक महीने की पहली तारीख को अंतरराष्ट्रीय बाजार के मुताबिक इसकी कीमतों में फेरबदल कर देती हैं। कंपनियों के मुताबिक दिसंबर में इसकी कीमत में और इजाफा हो सकता है।
हालांकि वाहनों में इस्तेमाल होने वाली एलपीजी के दाम में कमी आई है। अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में इसके दाम 5.34 फीसद कम हो गए। 1 अक्टूबर को इसकी कीमत 36.32 रुपये प्रति लीटर थी, जो 1 नवंबर को घटाकर 34.38 रुपये प्रति लीटर कर दी गई।
जानकारों का कहना है कि यह कंपनियों का फैसला है। वे वाहनों में इस्तेमाल होने वाली एलपीजी को पेट्रोल के मुकाबले सस्ता रखना चाहती हैं, ताकि उनकी बिक्री में इजाफा होता रहे।