इस बार गर्मियों में शीतलपेय कंपनियों की बिक्री बेहतर रहने की उम्मीद है।
हालांकि गर्मियों के मौसम में कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक्स की बिक्री घट सकती है, लेकिन कोला कंपनियों की बिक्री में नॉन-कार्बोनेटेड डिं्रक्स की हिस्सेदारी 55 फीसदी रहने की उम्मीद है।
साल के पहले चार महीनों में घरेलू शीतलपेय कंपनियों की बिक्री में सालाना 30 फीसदी की दर से इजाफा दर्ज किया गया। आईपीएल टूर्नाटमेंट की वजह से भी दोनों प्रमुख शीतल पेय कंपनियों- कोका कोला और पेप्सीको को अपने उत्पादों की बिक्री बढ़ाने का बेहतर प्लेटफॉर्म मिला है।
उद्योग जगत के जानकारों का कहना है कि शीतलपेय के सभी सेगमेंट में बिक्री बढ़ने की उम्मीद है। टेक्नोपार्क के एसोसिएट उपाध्यक्ष पुरेंदु कुमार का कहना है कि पिछले साल बारिश की वजह से शीतलपेय कंपनियों की बिक्री घटी थी, लेकिन इस साल गर्मी शुरू से ही अपना रंग दिखा रही है और तापमान शुरू में ही 40 डिग्री से. तक पहुंच गया है।
ऐसे में कंपनियों की बिक्री में इजाफा होने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि कोका-कोला और पेप्सीको, दोनों कंपनियों की कुल बाजार हिस्सेदारी करीब 90 फीसदी है। दोनों कंपनियां इस साल कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक्स पोर्टफोलियो के विस्तार में लगी हुई हैं और इस दोनों की ओर से काफी निवेश किया गया है।
कोका-कोला इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी पिछली 11 तिमाहियों से लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही है। बीते वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में कंपनी की बिक्री 31 फीसदी की दर से बढ़ी। पेप्सीको की कार्यकारी निदेशक (मार्केटिंग) पुनीता लाल का कहना है कि भारत में सालाना 12 अरब लीटर शीतल पेय की बिक्री होती है, जिनमें पैकेज सेगमेंट की हिस्सेदारी 5 फीसदी है।
कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक्स बाजार की बात करें, तो इसका सालाना कारोबार 7,500 करोड़ रुपये का है, जबकि जूस बेस्ड ड्रिंक्स का सालाना कारोबार 1,200 करोड़ रुपये का है। ऐसे में दोनों ही सेगमेंट में विकास की पूरी संभावना है।
