नैस्डैक में सूचीबद्ध आईटी सेवा कंपनी कॉग्निजेंट का राजस्व 31 मार्च 2022 को समाप्त तिमाही के दौरान स्थिर मुद्रा पर 10.9 फीसदी बढ़कर 4.8 अरब डॉलर हो गया। तिमाही के दौरान कंपनी की शुद्ध आय सालाना आधार पर 11.5 फीसदी बढ़कर 56.3 करोड़ डॉलर हो गई। जबकि क्रमिक आधार पर शुद्ध आय में गिरावट दर्ज की गई।
टीसीएस और इन्फोसिस जैसी अन्य आईटी कंपनियों से तुलना करने पर कॉग्निजेंट का प्रदर्शन काफी कमजोर रहा। टीसीएस ने राजस्व में सालाना आधार पर 14.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है जबकि इन्फोसिस के राजस्व में सालाना आधार पर 21 फीसदी की दमदार बढ़ोतरी हुई है।
कॉग्निजेंट इंडिया के सीएमडी एवं अध्यक्ष (डिजिटल कारोबार एवं प्रौद्योगिकी) राजेश नांबियार ने कहा कि कैलेंडर वर्ष 2022 की पहली तिमाही के नतीजे कुल मिलाकर स्थिर रहे। उन्होंने कहा, ‘यह लगातार चौथी तिमाही है जब हमने दो अंकों में वृद्धि दर्ज की है। पिछले कुछ समय से हमने लगातार बेहतर प्रदर्शन एवं निष्पादन किया है। लेकिन ऑर्डर बुकिंग से हमें सबसे अधिक आत्मबल मिला है। ऑर्डर बुकिंग में सालाना आधार पर 4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई और सालाना बुकिंग 23.4 अरब डॉलर की हो गई। बुक बनाम बिल अनुपात 1.2 गुना रहा।’
पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान कॉग्निजेंट की सबसे बड़ी चिंता कर्मचारियों द्वारा कंपनी छोडऩे की ऊंची दर रही है। हालांकि कैलेंडर वर्ष 2022 की पहली तिमाही के दौरान इसमें उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई लेकिन तिमाही आधार पर कर्मचारियों द्वारा कंपनी छोडऩे की दर में गिरावट का यह दूसरी तिमाही रही। कैलेंडर वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही में यह आंकड़ा 33 फीसदी रहा था।
नांबियार ने कहा कि दमदार नियुक्तियां और कर्मचारियों को बरकरार रखने के लिए किए गए उपायों का परिणाम अंतत: दिखने लगा है। उन्होंने कहा कि कैलेंडर वर्ष 2022 में कंपनी वैश्विक स्तर पर परिसरों से 50,000 से 55,000 नियुक्तियां करेगी। इनमें से अधिकांश नियुक्तियां भारत में दिखेंगी।
कंपनी के सीईओ ब्रायन हम्फ्रीज ने विश्लेषकों से बातचीत में कहा कि कर्मचारियों द्वारा कंपनी छोडऩे की दर को कम करने के लिए केवल वेतन वृद्धि ही नहीं बल्कि पूरे कर्मचारी लाभ पर ध्यान देने की जरूरत होती है। हम्फ्रीज ने यह भी कहा कि फ्रेशरों की अधिक नियुक्ति का मतलब कंपनी के ढांचे में एक महत्त्वपूर्ण बदलाव है।
तिमाही के दौरान कंपनी द्वारा हासिल अन्य उपलब्धियों में डिजिटल राजस्व प्रमुख है। डिजिटल कारोबार से प्राप्त राजस्व अब कुल राजस्व का करीब 50 फीसदी हो चुका है और उसमें सालाना आधार पर 20 फीसदी की वृद्धि हुई।
