राष्ट्रीय खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में अपनी ई-नीलामी कोयला बिक्री में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 52.5 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की है।
एक बयान में सीआईएल ने कहा है कि उसने पांच नीलामी के चरण में 2.15 करोड़ टन कोयले का आवंटन किया है।
कंपनी ने कहा है कि चूंकि कोयले के लिए मांग बढ़ी है, जिससे सीआईएल ने अप्रैल-मई 2021 की अवधि के दौरान अधिसूचित कीमतों के मुकाबले 16 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की, जो पिछले साल की समान अवधि में 7 प्रतिशत थी।
सीआईएल ने कहा है कि सभी नीलामी विंडोज के तहत आरक्षित कीमत पिछले वित्त वर्ष के पहले 6 महीनों के दौरान अधिसूचित कीमत के समान रखी गई थी।
कुल आवंटित कोयले में, गैर-विद्युत क्षेत्र का योगदान बुकिंग मात्रा में 50 प्रतिशत रहा। इसमें इस्पात, लौह और सीमेंट क्षेत्र शामिल हैं।
आर्थिक गतिविधियों में सुधार के साथ, प्रमुख निर्माण क्षेत्रों से कोयले की मांग भी बढ़ी है। विद्युत क्षेत्र के उपभोक्ताओं द्वारा ई-नीलामी बुकिंग भी पिछले साल के मुकाबले 49 प्रतिशत बढ़ी और खासकर इन उपभोक्ताओं के लिए ‘स्पेशल फॉर्वर्ड ऑक्शन’ के तहत 61 लाख टन की बुकिंग दर्ज की गई।
कोयले की बढ़ती मांग का संबंध विद्युत क्षेत्र से गर्मी के मौसम में दर्ज की जाने वाली मजबूत मांग से है। यह क्षेत्र व्यस्त विद्युत मांग सीजन के लिए तैयारी कर रहा है। पिछले साल गर्मियों के महीनों के दौरान पीक मांग यानी सर्वाधिक मांग 180 गीगावॉट पर पहुंच गई थी।
मई, 2021 के दौरान पीक विद्युत मांग में सालाना आधार पर 2 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की गई थी। हाजिर विद्युत बाजार में इसकी बिक्री सालाना आधार पर 9 प्रतिशत तक बढ़ी।
सीआईएल द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, ‘हालांकि विद्युत क्षेत्र के लिए आपूर्ति की स्थिति में सुधार आया है, लेकिन हमारी मुख्य चिंता इसे लेकर है कि मांग में अभी भी थोड़ा उतार-चढ़ाव बना हुआ है। हमें उम्मीद है कि यह अस्थिरता जल्द दूर हो जाएगी।’
‘स्पॉट ऑक्शन’ विंडो के तहत नीलामी में मई के अंत तक 35 प्रतिशत तक की वृद्घि दर्ज की गई और यह 46 लाख टन पर दर्ज की गई। ‘स्पॉट ऑक्शन’ विंडो के तहत नीलामी में कोयला व्यापारी समेत सभी कोयला उपभोक्ता भाग ले सकते हैं।
सीआईएल ने अपने बयान में कहा है, ‘उम्मीद है कि यदि मांग फिर से मजबूत हुई तो हम पिछले साल के निशान को पार कर सकते हैं।’
