वाहन उद्योग पुराने वाहन को कबाड़ में डाल कर नए वाहनों की खरीद करने वालों को 1 फीसदी छूट देने के सरकार के प्रस्ताव को मानने के लिए तैयार हो गया है। सरकार पुराने वाहनों को कबाड़ में भेजने के लिए लोगों को प्रेरित करना चाहती है, क्योंकि उसे परिवहन लॉबी की ओर से प्रतिवाद की आशंका नजर आ रही है।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसी हफ्ते वाहन उद्योग के साथ बैठक की थी जिसमें सरकार की ओर से नए वाहनों पर तीन फीसदी की छूट देने का प्रस्ताव दिया गया था। बैठक में सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सायम) के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था।
इस मामले के जानकार एक व्यक्ति ने कहा कि एक ओर जहां वाहन विनिर्माता नए वाहनों पर 1 फीसदी छूट देने के लिए तैयार हो गए हैं, वहीं वे चाहते हैं कि त्योहारी सीजन को देखते हुए और ऐसे समय पर जब मार्जिन पर पहले से ही दबाव है तो इस नीति को तुरंत नहीं लाया जाए।
भारत में 1 अप्रैल से वाहनों और ईंधन के लिए बीएस-6 उत्सर्जन नियमों को अपनाया गया है लेकिन पुराने वाहन, जिनका जीवन काल समाप्त हो चुका है और प्रदूषण फैला रहे हैं, उनके लिए नीति तैयार करने में देरी हुई है।
नीति के मसौदे को अंतिम रूप दिया जा चुका है और प्रधानमंत्री कार्यालय से इसकी मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि पीएमओ चाहता है कि सरकार को लोगों को पुराने वाहन हटाने के लिए लाभान्वित करना चाहिए, बजाय कि नए नियमों को पुराने वाहनों के मालिकों पर लाद दिया जाए। इस मामले से अवगत एक व्यक्ति ने कहा, ‘उद्योग अब चाहता है कि नीति को कुछ समय के लिए टाला जाना चाहिए क्योंकि वे इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि यदि त्योहारों के बाद मांग घटती है तो वे छूट का भार सहन कर पाएंगे या नहीं।’ सायम के प्रवक्ता ने गोपनीयता का हवाला देते हुए बैठक पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।इस छूट के अलावा यदि वाहन मालिक अपने पुराने वाहन को कबाड़ में डालता है तो सरकार उसे नए वाहन की खरीद पर रोड टैक्स (पथ कर) और पंजीयन शुल्क में छूट देने पर विचार कर रही है। हालांकि, राज्य सरकारों को नई दरें मंजूर करने की आवश्यकता पड़ेगी। सरकार लोगों पर इस नियम को थोपने की बजाय उन्हें इसके लिए प्रेरित करना चाहती है। एक अधिकारी ने कहा, ‘ऐसे लोगों की संख्या अच्छी खासी है जिनके पास केवल एक ट्रक है और इस निर्णय से उनकी आजीविका प्रभावित होगी।’
