राष्ट्रीय खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने कहा है कि सितंबर के पहले 8 दिनों में उसने बिजली क्षेत्र को आपूर्ति बढ़ाई है। बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति अब 20 प्रतिशत बढ़कर रोजाना औसतन 13.9 लाख टन प्रति दिन हो गई है। पिछले साल सितंबर की समान तिथि में कोयले की प्रतिदिन औसत आपूर्ति 11.6 लाख टन थी। ताप बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति के संकट को लेकर कोल इंडिया पर उंगलियां उठ रही थीं।
सीआईएल की चालू महीने के पहले 8 दिन में कुल आपूर्ति 17.1 लाख टन प्रतिदिन हो गई है, जो पिछले साल की समान अवधि में 14.9 लाख टन प्रतिदिन थी। कंपनी ने एक सार्वजनिक बयान में कहा है कि उसने करीब 15 प्रतिशत वृद्धि हासिल की है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमने आगे के लिए कोयले की रोजाना आपूर्ति बढ़ाकर 18 लाख टन प्रतिदिन करने का लक्ष्य रखा है और 14.5 लाख टन प्रतिदिन बिजली क्षेत्र को आपूर्ति की जाएगी।’
पिछले 2 सप्ताह के दौरान ताप बिजली संयंत्रों के कोयले के भंडार का स्तर कम हो गया था। इस समय 15 गीगावॉट क्षमता के संयंत्रों के पास 2 दिन से कम का स्टॉक है, जबकि 11 गीगावॉट क्षमता के संयंत्रों के पास 6 दिन से कम का स्टॉक है।
अत्यधिक गर्मी के महीनों में कुछ राज्यों ने भुगतान में चूक की। इसकी वजह से कोल इंडिया ने उनके ताप बिजली संयंत्रों को आपूर्ति रोक दी। जुलाई से मॉनसून में देरी और असमान मॉनसून के कारण सीआईएल की खदानों से कोयले का उत्पादन भी प्रभावित हुआ। इसकी वजह से 90 गीगावॉट क्षमता के संयंत्रों के पास कोयले का स्टॉक अगस्त के अंतिम सप्ताह में 8 दिन से कम का रह गया।
पिछले सप्ताह कोल इंडिया ने कहा था कि उसने यथास्थिति के आधार पर 23 खदानों के पास 4.03 करोड़ टन कोयले के भंडार की पेशकश की थी, जिससे रेल और सड़क से ढुलाई की जा सकती है। सीआईएल ने कहा है कि उसने ई-नीलामी की बुकिंग में अप्रैल से अगस्त 21 के दौरान 42 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है। एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में कोयला आधारित बिजली संयंत्रों की मांग बढऩे और कोयले के अंतरराष्ट्रीय दाम में तेजी की वजह ऐसी स्थिति पैदा हुई है।
कंपनी ने कहा है, ‘चल रहे वित्त वर्ष में अगस्त तक बुक की गई मात्रा महामारी के पहले अप्रैल-अगस्त 19 के 2 करोड़ टन की तुलना में दोगुना बढ़ी है।’ वित्त वर्ष 22 के पहले 5 महीनों में नीलामी की 5 श्रेणियों के तहत सीआआईएल ने 533 लाख टन कोयला बुक किया है। यह वित्त वर्ष 21 की समान अवधि के 375 लाख टन की तुलना में करीब 160 लाख टन ज्यादा है। अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेजी को देखते हुए गैर बिजली क्षेत्र के उपभोक्ताओं ने विशेष नीलामी विंडो के माध्यम से घरेलू कोयले का विकल्प चुना और अप्रैल-अगस्त 21 के दौरान कुल नीलामी बुकिंग में 37 प्रतिशत हिस्सेदारी की।
कोयला आधारित बिजली उत्पादन में तेजी की वजह से बिजली क्षेत्र के ग्राहकों की स्पेशल फॉरवर्ड ऑक्शन के माध्यम से बुकिंग की मात्रा इस अवधि के दौरान दोगुने से ज्यादा होकर 173 लाख टन हो गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 80 लाख टन थी।
सीआईएल ने एक सार्वजनिक बयान में कहा- कोयले की अंतरराष्ट्रीय कीमतें बढऩे की वजह से आयातित कोयले पर आधारित देश के 14 कोयला आधारित बिजली संयंत्रों का उत्पादन अप्रैल से अगस्त 21 के बीच 20 प्रतिशत गिरकर 23.63 मेगावॉट हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 29.67 मेगावॉट था। उसने कहा कि इसकी वजह से घरेलू कोयले की अतिरिक्त मांग बढ़ गई।