दिसंबर तिमाही के उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन के बाद डीजल और गैस इंजन बनाने वाली कंपनी कमिंस इंडिया का शेयर पिछले महीने अपने निचले स्तरों से 6 प्रतिशत तक चढ़ गया था। तिमाही शानदार प्रदर्शन से वित्त वर्ष 2022 और वित्त वर्ष 2023 के लिए आय अनुमानों में 6-11 प्रतिशत की तेजी को बढ़ावा मिला है। पूंजीगत वस्तु कंपनी के लिए तिमाही में राजस्व एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले 22 प्रतिशत तक बढ़ गया था। इसे घरेलू व्यवसाय में 23 प्रतिशत और निर्यात में 18 प्रतिशत की तेजी से मदद मिली। निर्यात में प्राप्तियों का राजस्व में 26 प्रतिशत योगदान रहा, जो घरेलू बाजार के मुकाबले काफी अधिक रहीं। कंपनी का कहना है कि वृद्घि को डेटा केंद्रों, वाणिजियक रियल एस्टेट, इन्फ्रास्ट्रक्चर, हेल्थकेयर और निर्माण से दर्ज की गई मजबूत मांग से मदद मिली।
जिंस कीमतों से दबाव, के बावजूद कमिंस इंडिया परिचालन स्तर पर इसे सीमित करने में सक्षम रही। जहां सकल मार्जिन ऊंची कच्चे तेल कीमतों और आपूर्ति संबंधित समस्याओं की वजह से सालाना आधार पर 232 आधार अंक घटकर 33.6 प्रतिशत रहा, वहीं परिचालन मुनाफा मार्जिन कीमत वृद्घि, लागत नियंत्रण की वजह से 129 आधार अंक की सीमित तेजी के साथ 15.6 प्रतिशत पर रहा। वित्त वर्ष 2022 में 9 महीने की अवधि के दौरान कंपनी का राजस्व सालाना आधार पर 50 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि परिचालन मार्जिन में 56 आधार अंक तक का सुधार दर्ज किया गया है।
कंपनी को अल्पावधि चुनौतियां बरकरार रहने की आशंका को देखते हुए आपूर्ति शृंखला संबंधित हालात में धीरे धीरे ही सुधार आने की संभावना है। प्रबंधन को वित्त वर्ष 2023 में सुधार की उम्मीद है और उसे रेलवे, निर्माण उपकरण के लिए अच्छी मांग, खनन तथा मैरिन सेगमेंटों में मजबूत वृद्घि के लिए नई पेशकशें से मदद मिलने का अनुमान है।
पिछले कुछ वर्षों के दौरान कंपनी का मजबूत प्रदर्शन रहा है और उसने वित्त वर्ष 2012-20 के दौरान 15 प्रतिशत की राजस्व वृद्घि दर्ज की, लेकिन कुछ कड़ी प्रतिस्पर्धा और व्यापक वृद्घि के अभाव की वजह से सपाट मुनाफा दर्ज किया। अब हालात में बदलाव आता दिख रहा है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के आदित्य मोंगिया और टीना विरमानी का कहना है, ‘कंपनी ने कोविड से पहले के मुकाबले 50 प्रतिशत ज्यादा परिचालन मुनाफा दर्ज किया है और अपने पूंजीगत वस्तु कवरेज में श्रेष्ठ प्रदर्शन बन गई है।’
