प्रमुख औषधि कंपनी सिप्ला के कर बाद लाभ में चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में 41 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। भारतीय बाजार में दमदार वृद्धि से कंपनी के मुनाफे को बल मिला। तिमाही के दौरान कंपनी की परिचालन आय 15 फीसदी बढ़कर 5,038 करोड़ रुपये हो गई।
तिमाही के दौरान कंपनी ने 665 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया। जबकि एबिटा 29 फीसदी बढ़कर 1,177 करोड़ रुपये हो गई। तिमाही के दौरान कंपनी के भारतीय कारोबार में 17 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। तिमाही के दौरान पर्चे वाली दवाओं के साथ-साथ जेनेरिक दवाओं की बिक्री भी अच्छी रही। पर्चे वाली दवा कारोबार में 14 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई जिसे कोविड के उपचार वाली दवाओं- रेमडेसिविर (सिप्रेमी), टोसिलिजुमैब (रॉश से लाइसेंस प्राप्त एक्टेम्रा) और सिप्लेंजा (फैविपिराविर) से बल मिला। तिमाही के दौरान, 1,50,000 मरीजों को इन दवाओं की आपूर्ति की गई।
सिप्ला के जेनरिक कारोबार ने भी अच्छा प्रदर्शन किया जिससे घरेलू बाजार में उसे समग्र वृद्धि हासिल करने में मदद मिली। कंपनी ने पर्चे वाली दवा, जेनरिक और ओटीसी ब्रांडों के बीच बेहतर तालमेल का फायदा उठाने के लिए वन इंडिया रणनीति अपनाई है।
कंपनी ने अपने दो अन्य महत्त्वपूर्ण बाजार- दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका में भी तिमाही के दौरान वृद्धि दर्ज की। दक्षिण अफ्रीका में कंपनी ने 14 फीसदी की वृद्धि दर्ज की जबकि अमेरिका में वह 4 फीसदी की वृद्धि हासिल करने मेंं सफल रही।
