अमेरिका की प्रमुख औषधि कंपनी इलाई लिली ने भारत में अपनी इंसुलिन दवाओं की बिक्री के लिए मुंबई की दवा कंपनी सिप्ला के साथ साझेदारी की है। दोनों कंपनियों ने मधुमेह के उपचार में उपयोग की जाने वाली इलाई लिली की इंसुलिन दवा- ह्यूमलोग (इंसुलिन लिस्प्रो) और ट्रुलीसिटी(डुलाग्लूटाइड) की पहुंच बढ़ाने के लिए रणनीतिक साझेदारी करने की घोषणा की है।
लिली की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस समझौते के तहत लिली मधुमेह की अपनी दो दवाओं- ह्यूमलोग और ट्रुलीसिटी- की भारत में बिक्री, प्रचार एवं वितरण के लिए अधिकार सिप्ला को हस्तांतरित करेगी जो नियामकीय मंजूरियों पर निर्भर करेगा। बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर सिप्ला का शेयर आज करीब 3 फीसदी बढ़त के साथ 958 रुपये पर बंद हुआ।
लिली शेष उत्पाद पोर्टफोलियो के लिए अपने मौजूदा परिचालन मॉडल को बरकरार रखेगी। सिप्ला लिली के इंसुलिन की पहुंच बढ़ाने के लिए अपनी ताकत के जरिये डॉक्टरों से संपर्क बढ़ाएगी और अपने वितरण नेटवर्क का फायदा उठाएगी। लिली इंडिया के प्रबंध निदेशक (भारतीय उपमहाद्वीप) लुका विसिनी ने कहा, ‘भारत और दुनिया भर में अधिक से अधिक लोगों तक नवोन्मेषी दवाओं को उपलब्ध कराने के लिए लिली के वैश्विक प्रयासों के लिए अलग-अलग परिचालन मॉडलों को अपनाते हुए रणनीतिक साझेदारी करना महत्त्वपूर्ण है। आज हमें सिप्ला के साथ हमारी साझेदारी की घोषणा करते हुए गर्व महसूस हो रहा है जिसके लिए सभी नियामकीय मंजूरियां मिलना अभी बाकी है। इसके तहत लिली के मधुमेह पोर्टफोलियो की चुनिंदा दवाओं की बिक्री, विपणन एव ंवितरण के लिए अधिकार सिप्ला को हस्तांतरित किए जाएंगे। सिप्ला की स्थानीय बाजार में मौजूदगी काफी दमदार है और वह भारत में उन दवाओं की पहुंच का दायरा बढ़ाने के लिए सही स्थिति में है।’
लिली ने पहले भी अपने मधुमेह दवाओं के लिए भारत में ऐसे ही करार किए थे। उदाहरण के लिए 2018 में उसने अपनी साप्ताहिक मधुमेह इंजेक्शन वाली दवा एपलवेंट के लिए ल्यूपिन के साथ करार की घोषणा की थी।
लिली वैश्विक स्तर पर इंसुलिन बनाने वाली शीर्ष तीन कंपनियों में शामिल है। अमेरिका में रोगियों को केवल तीन कंपनियां- नोवो नॉर्डिस्क, सनोफी और इलाई लिली- इंसुलिन की आपूर्ति करती है। सिप्ला के प्रमुख (इंडिया प्रेस्क्रिप्शन बिजनेस) विकास गुप्ता ने कहा, ‘हम मधुमेह पर लगातार प्रमुखता से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस साझेदारी से मधुमेह रोगियों के लिए व्यापक उत्पाद पोर्टफोलियो के साथ उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को कहीं अधिक मजबूती मिलेगी।’
इससे पहले जून में लिली को अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए रेमडेसिविर के साथ उसकी दवा बारिसिटिनिब के उपयोग के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत सीडीएससीओ से मंजूरी मिली थी। लिली ने यह भी घोषणा की है कि उसने जेनेरिक दवा बनाने वाली छह कंपनियों सिप्ला, ल्यूपिन, सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज, एमएसएन लैबोरेटरीज और टॉरंट फार्मास्युटिकल्स के साथ स्वैच्छिक लाइसेंस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
