सिटी ग्रुप के पूर्व अधिकारी माइकल क्लेन की कंपनी चर्चिल कैपिटल कॉर्प दुनिया की सबसे मूल्यवान एडटेक फर्म बैजूज में 4 अरब डॉलर का निवेश करने के लिए बात कर रही है। घटनाक्रम के जानकार शख्स ने बताया कि यह सौदा बेंगलूरु की कंपनी के दोगुने मूल्यांकन यानी करीब 48 अरब डॉलर पर होगा। अगर सौदा होता है तो इससे बैजूज को चर्चिल कैपिटल की अधिग्रहण के लिए विशेष उद्देयश्यीय कंपनी (स्पैक) के साथ विलय कर अमेरिकी बाजार में सूचीबद्घ होने में मदद मिल सकती है।
अमेरिकी कंपनी चर्चिल कैपिटल -7 ने फरवरी में 1.3 अरब डॉलर की पूंजी जुटाई है और न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार कर रही है। बैजू रवींद्रन की अगुआई वाली बैजूज का मूल्यांकन इस समय करीब 21 अरब डॉलर है।
बातचीत के जानकार एक व्यक्ति ने बताया कि बैजूज को चर्चिल कैपिटल से 48 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर 4 अरब डॉलर के निवेश की पेशकश मिली है। हालांकि बैजूज ने अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं किया है।
उद्योग के सूत्रों का कहना है कि भारत के नियमन के अनुसार वैश्विक परिचालन वाली बैजूज जैसी कंपनी को अमेरिका में पारंपरिक आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की अनुमति नहीं है। एक शख्स ने कहा, ‘बैजूज अमेरिकी आईपीओ और स्पैक के जरिये वैश्विक सूचीबद्घता करा सकती है। कंपनी 2022 के मध्य में अमेरिका में आईपीओ लाने की योजना बना रही है। लेकिन भारत भी उसके लिए बेहतर विकल्प है। वह अमेरिका में प्राथमिक और भारत में द्वितीयक सूचीबद्घता करा सकती है या भारत में प्राथमिक और अमेरिका में द्वितीयक सूचीबद्घता करा सकती है। भारत और अमेरिका दोनों उसके लिए अहम बाजार हैं।’
सूत्रों के अनुसार बैजूज 2023 कैलेंडर वर्ष में 3 अरब डॉलर आय की उम्मीद कर रही है और चर्चिल कैपिटल द्वारा 48 अरब डॉलर का मूल्यांकन इसी आधार पर किया गया है। बैजूज की आय 1.5 अरब डॉलर पहले ही पार कर चुकी है।
हालांकि बैजूज ने ताजा घटनाक्रम पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।
बैजू रवींद्रन की कंपनी बैजूज ने अपनी स्थापना के 10 साल के दौरान करीब 4.5 अरब डॉलर की पूंजी जुटाई है। अब यह भारत में स्कूली छात्रों को पर्सनलाइज्ड लर्निंग कार्यक्रम मुहैया कराने वाली अग्रणी फर्म है। इसके ऐप पर 11.5 करोड़ छात्र पढ़ाई करते हैं, जिनमें से 70 लाख सालाना सदस्यता शुल्क का भुगतान करते हैं और 86 फीसदी अपनी सदस्यता का नवीकरण भी कराते हैं। विश्लेषकों के अनुसार बैजूज की योजना अमेरिका में आईपीओ लाने की है जिससे कंपनी को शिक्षा के क्षेत्र में अमेरिका की सबसे बड़ी कंपनी बनने में मदद मिलेगी। कंपनी का लक्ष्य अमेरिका में अगले तीन साल के दौरान 1 अरब डॉलर आय हासिल करने का है।
बैजूज भारत और दुनिया भर में तेजी से अधिग्रहण कर रही है क्योंकि महामारी के दौरान ऑनलाइन शिक्षा में तेजी आई है। सूत्रों के अनुसार इस साल बैजूज ने भारत और अमेरिका में 9 कंपनियों का अधिग्रहण किया है, जिस पर 2 अरब डॉलर से ज्यादा का खर्च हुआ है।
