मुरुगप्पा समूह की वाहन वित्त प्रदाता चोलामंडल इन्वेस्टमेंट ऐंड फाइनैंस कंपनी (सीआईएफसी) इलेक्ट्रिक तिपहिया और वाणिज्यिक वाहन खंड में प्रवेश की योजना बना रही है और वह इस प्रयास में विभिन्न गठबंधनों के लिए निर्माताओं के साथ बातचीत पहले से ही कर रही है।
सीआईएफसी के कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं मुख्य वित्तीय अधिकारी अरुलसेल्वन डी ने कहा, ‘हम छोटे स्तर पर शुरुआत कर रहे हैं और इलेक्ट्रिक वाहनों की दिशा में आगे बढऩा जारी रखेंगे। हमारा ध्यान इलेक्ट्रिक वाहनों के तिपहिया खंड पर केंद्रित है। हम वाणिज्यिक वाहनों के लिए ऋण मुहैया कराने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। इसलिए हम इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहनों पर ध्यान देंगे, जो पहले बाजार में आ रहे हैं।’ अरुलसेल्वन ने कहा कि कंपनी इस संबंध में विभिन्न गठजोड़ों के लिए तिपहिया निर्माताओं के साथ बातचीत कर रही है।
रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार, इस खंड में कंपनी का प्रवेश ऐसे समय में हो रहा है जब भारत के इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों का योगदान वर्ष 2025 तक देश में नई वाहन बिक्री में करीब 30 प्रतिशत रहने की संभावना है। इसके अलावा कोविड महामारी के बावजूद, ईवी ने वर्ष 2020 के दौरान भारत में 40 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की थी।
ओला के आक्रामक प्रवेश के साथ इलेक्ट्रिक दोपहिया खंड में संभावित तेजी के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘दोपहिया में उत्पादक वृद्घि के मुकाबले खपत वृद्घि की संभावना ज्यादा है। हम ऐसे वाहनों पर ध्यान देंगे जो उत्पादक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं और उनका व्यावसायिक तौर पर ज्यादा इस्तेमाल होता है।’
कंपनी के मुख्य व्यावसायिक सेगमेंटों में वाहन वित्त, संपत्ति ऋण या आवास ऋण और एसएमई ऋण शामिल हैं। आगामी विविधीकृत योजनाओं के संबंध में उन्होंने कहा, ‘हम फिनटेक के साथ संबंध का लाभ उठाने की संभावना तलाश रहे हैं। इस समय यह प्रारंभिक चरण में है।’
वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सीआईएफसी का शुद्घ लाभ 24 प्रतिशत तक घटकर 327 करोड़ रुपये रह गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान यह 431 करोड़ रुपये था। दूसरी तरफ, संपूर्ण वितरण में समीक्षाधीन तिमाही के दौरान 1 प्रतिशत की मामूली वृद्घि दर्ज की गई। ऋण वसूली भी प्रभावित हुई और इस वजह से स्टेज-3 परिसंपत्तियां 3.96 प्रतिशत से बढ़कर 6.79 प्रतिशत पर पहुंच गईं।
उन्होंने कहा, ‘कई क्षेत्र फिर से खुल चुके हैं। केरल और कुछ उत्तर पूर्वी राज्यों को छोड़कर, देश के ज्यादातर हिस्सों में हालात फिर से सामान्य स्तर पर लौट चुके हैं। जुलाई में हम ऋण वितरण में भी अच्छी तेजी देख रहे थे। मेरा मानना है कि इस वित्त वर्ष में हालात बेहतर हो जाएंगे, हालांकि काफी हद तक स्थिति तीसरी लहर के प्रभाव पर निर्भर करेगी।’ पिछले वर्ष कंपनी ने लॉकडाउन के बावजूद पहली तिमाही में बेहतर ऋण वितरण दर्ज किया, क्योंकि तब ट्रैक्टरों की अच्छी मांग देखी गई थी।
कंपनी ने कहा कि वह कोविड के हालात के बावजूद एसएमई सेगमेंट से अच्छी मांग दर्ज कर रही है। उन्होंने कहा, ‘पिछले साल के मुकाबले एसएमई क्षेत्र से बहुत ज्यादा दबाव देखने को नहीं मिला है। इसकी मुख्य वजह यह है कि कारखाने अभी भी चल रहे हैं।’ कंपनी ने कहा कि जून 2021 तक 3.86 प्रतिशत बहीखाते के लिए ‘रीस्ट्रक्चरिंग 2.0’ के तहत आरबीआई द्वारा परिसंपत्ति वर्गीकरण लाभ के साथ पुनर्गठन विकल्प का इस्तेमाल किया गया और उसका कुल पुनर्गठन उसके बहीखते के 5.44 प्रतिशत पर दर्ज किया गया।
