येस बैंक और वीडियोकॉन डी2एच के अधिकारियों के खिलाफ एस्सेल समूह के संस्थापक सुभाष चंद्रा की तरफ से उत्तर प्रदेश पुलिस के पास दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) पर सर्वोच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है। जांच के तहत उत्तर प्रदेश पुलिस ने डिश टीवी इंडिया मेंं येस बैंक की हिस्सेदारी पर मतदान के अधिकार पर रोक लगा दी थी।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि वह डिश टीवी इंडिया में येस बैंक की हिस्सेदारी के मताधिकार मामले में गौतम बुद्ध नगर पुलिस के अधिकारियोंं को रोक लगाने की इजाजत नहीं देगा।
डिश टीवी ने सोमवार रात ऐलान किया था कि उसने मंगलवार को आयोजित होने वाली सालाना आम बैठक एक महीने के लिए टाल दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने मताधिकार पर रोक लगाई थी, जिसे कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में भी अब तक नहीं किया था। यह सिर्फ और सिर्फ देश में अव्यवस्था को ही जन्म देगा।
मताधिकार पर रोक का मतलब पुलिस की तरफ से न्यायिक आदेश का शॉर्ट सर्किटिंग किया जाना है। न्यायालय ने कहा, हम इसकी इजाजत नहीं देंगे। फौजदारी कानून की प्रक्रिया का इस्तेमाल कर दीवानी कार्यवाही में नतीजे हासिल करना खतरनाक होगा। हमें पूरे नतीजे पर नजर डालने होंगे। इसके साथ ही अदालत ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया।
येस बैंक ने डिश टीवी की 24.5 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था। कर्ज चुकाने में प्रवर्तकों की नाकामी के बाद बैंक ने गिरवी शेयर भुना लिये थे। पिछले साल सितंबर में चंद्रा ने बैंक व राणा कपूर की अगुआई वाले पूर्व प्रबंधन के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंंने वीडियोकॉन डी2एच व डिश टीवी इंडिया के बीच विलय सौदे पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। यह मामला अभी जांच के दायरे में है।
लेनदार ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख तब किया जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने चंद्रा की तरफ से उत्तर प्रदेश पुलिस पास दर्ज एफआईआर खारिज करने के लिए दायर याचिका गुरुवार को खारिज कर दी।
येस बैंक डिश टीवी के बोर्ड को अपने नॉमिनी के जरिए बदलना चाहता है। येस बैंक और डिश टीवी इंडिया ने इस मामले में टिप्पणी नहीं की।
