ग्रेटर नोएडा स्थित इटालियन कंपनी ग्रेजियानो ट्रांसमिशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ की हत्या के पीछे व्यावसायिक प्रतिस्पर्द्धा भी हो सकती है। पुलिस को आशंका है कि उनकी हत्या किसी कंपनी की सोची–समझी साजिश के तहत की गयी है। उद्यमियों के साथ हुई बैठक में मेरठ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) गुरुदर्शन सिंह ने बताया कि इन कोणों से तसल्ली पूर्वक जांच के बाद ही पुलिस ग्रेजियानो के सीईओ के हत्यारे एवं उसकी साजिश का खुलासा करेगी। दूसरी तरफ, नोएडा स्थित एक साफ्टवेयर कंपनी के सीईओ पर जानलेवा हमले के बारे में पुलिस का यह कहना है कि बदमाशों ने उनका अपहरण कर फिरौती की मंशा से यह वारदात की थी।
आईजी, पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी), वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), जिलाधिकारी (डीएम) एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुई इस बैठक में उद्यमियों को रिवाल्वर के लाइसेंस देने की मांग को भी मंजूरी मिल गयी।
एसोसिएशन ऑफ ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रीज (अग्नि) के अध्यक्ष आदित्य घिल्डयाल ने बताया कि प्रशासन ने एचसीएल कंपनी की मदद से एक ऐसा साफ्टवेयर विकसित किया है, जिसकी बदौलत अब पुलिसकर्मी सूचना के बाद घटनास्थल पर आने में कोई कोताही नहीं कर सकते हैं। किसी वारदात के बाद उद्यमियों द्वारा छह बार फोन किए जाने पर थाने से कोई जवाब नहीं मिलने पर यह कॉल अपने–आप एसएसपी एवं पुलिस महानिदेशक के पास चली जाएगी। श्रमिक संघों की भूमिका की जांच के लिए एक कमेटी बनायी गयी है।
प्रशासन ने मोबाइल पुलिस की संख्या बढ़ाने की मांग को भी मान लिया है। इसके अलावा अग्नि की तरफ से उद्यमी एवं औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा के लिए 48 मांगें प्रशासन के समक्ष रखी गयीं। नवंबर के पहले सप्ताह में फिर से तमाम प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। जिसमें प्रशासन से मंजूर मांगों को लागू करने के लिए किए गए प्रयासों की समीक्षा की जाएगी।
बैठक में यह भी तय किया गया कि पुलिसकर्मियों को औद्योगिक प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम जल्द ही शुरू किया जाएगा। अग्नि के पदाधिकारी सहदेव शर्मा कहते हैं, ‘उद्यमियों की समस्याओं के निवारण के लिए हर महीने उद्योग बंधु की बैठक होगी
इस बीच, उद्यमियों ने श्रम विभाग के साथ असामाजिक तत्वों की मिलीभगत का आरोप
लगाया है।