जर्मनी की सास (सेवा के रूप में सॉफ्टवेयर) दिग्गज सेलोनिस ने सोमवार को कहा कि अगले दो से तीन साल के दौरान वह भारत में 10 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी। वर्ष 2011 में स्थापित और वर्तमान में 11 अरब डॉलर से अधिक मूल्य वाली इस कंपनी का लक्ष्य भारत में 1,000 कर्मचारियों के साथ उत्कृष्टता का वैश्विक केंद्र स्थापित करना है।
सेलोनिस के संस्थापक बास्तियन नोमिनाखैर ने कहा कि भारत में फॉच्यून 2000 कंपनियों में से 50 कंपनियां हैं और देश में 335 से अधिक कंपनियों का मूल्य एक अरब डॉलर से अधिक है। इन दोनों कारकों का संयोजन भारत को प्रोसेस माइनिंग सॉफ्टवेयर के लिए सबसे आकर्षक बाजारों में से एक बनाता है।
उन्होंने कहा कि क्लाइंट सर्वर से लेकर इंटरनेट और क्लाउड तक हर महत्वपूर्ण प्रक्रिया की नवोन्मेष लहर भारतीय कारोबार प्रक्रिया उद्योग के केंद्र से गुजरी है।
कंपनी अपने सेलोनिस अकादमी कार्यक्रम के तहत भारत में 1,00,000 से अधिक सलाहकारों, छात्रों और शिक्षाविदों को प्रशिक्षित करने की भी योजना बना रही है, जो उस वैश्विकपहल का हिस्सा है, जिसमें सेलोनिस प्रोसेस माइनिंग और निष्पादन प्रबंधन पर 10 लाख से अधिक विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करेगी।
डेटा प्रोसेसिंग करने वाले सॉफ्टवेयर की इस विनिर्माता का इरादा विप्रो, इन्फोसिस, टीसीएस जैसे आईटी सेवाओं वाली उन दिग्गज कंपनियों के साथ गठजोड़ करने का है, जो विभिन्न उद्योगों में सेलोनिस के प्लेटफॉर्म के आधार पर समाधान तैनात कर सकती हैं, फिर चाहे वह दूरसंचार उद्योग हो या वित्तीय सेवाएं अथवा खुदरा या विनिर्माण उद्योग।
सेलोनिस भारत में सूचना प्रौद्योगिकी के सलाहकारों को क्लाउड स्टोरेज प्रदाताओं को भुगतान की जाने वाली लागत के सिवाय बिना किसी समय बाधा के अपने प्लेटफॉर्म का मुफ्त उपयोग करने की अनुमति देगी। हालांकि जब कंपनी के सास प्लेटफॉर्म पर आधारित समाधान को किसी उद्यम में लगाया जाएगा, तो अंतिम उपयोगकर्ता द्वारा लाइसेंसिंग और अन्य लागत का भुगतान करना पड़ेगा।
