बढ़ती लागत के बोझ से जूझ रही कार और दोपहिया निर्माता कंपनियां फिलहाल उपभोक्ताओं की जेब पर झटका लगाने से परहेज कर रही हैं।
बिक्री की खस्ता हालत कहें या त्योहारों में बाजार बढ़ने की उम्मीद का तकाजा, वाहन उद्योग की ज्यादातर बड़ी कंपनियों ने यह बोझ अकेले ही सहने का फैसला किया है और वे अपने उत्पादों की कीमत बढ़ाने से इनकार कर रही हैं।
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक आर सी भार्गव ने कीमत बढ़ने की संभावना से साफ इनकार किया।
बाजार खस्ताहाल
उन्होंने कहा, ‘बेशक लागत हम लोगों के लिए भारी हो रही है। लेकिन इस बोझ को ग्राहकों पर लाद देना कहीं से भी समझदारी नहीं होगी। वैसे भी बाजार की हालत अभी अच्छी नहीं है। ऐसे में हम कीमत बढ़ाने के बारे में सोच भी नहीं सकते।’
हुंडई मोटर्स के प्रबंध निदेशक एच एस लीम ने भी अपने उत्पाद महंगे करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि स्टील और प्लास्टिक, तांबा वगैरह की कीमत में जबरदस्त इजाफा होने की वजह से उनके ऊपर कीमत बढ़ाने का दबाव है।
लेकिन कंपनी ने यह फैसला किया है कि फिलहाल कीमतों में किसी तरह का इजाफा नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी लागत कम करने के उपाय अपनाकर इस बोझ को कम करने की कोशिश करेगी।
लागत में तगड़ा इजाफा
गौरतलब है कि इस्पात और तांबे की कीमतों में पिछले साल सितंबर से अब तक 60 फीसद तक का इजाफा हो गया है। इसी तरह प्लास्टिक की कीमत भी काफी बढ़ चंकी है। कार बनाने में इन्हीं का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। यही वजह है कि तमाम वाहन कंपनियां लागत की परेशानी से जूझ रही हैं।
होंडा सिएल कार्स इंडिया लिमिटेड के उपाध्यक्ष (मार्केटिंग) जनेश्वर सेन ने भी कीमत बढ़ाने की संभावना से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘बाजार की हालत वैसे भी इस समय अच्छी नहीं चल रही है। ऐसे में हम कीमत बढ़ाने के बारे में नहीं सोच सकते। हम बिक्री बढ़ाकर लागत के बोझ को कम करने की कोशिश करेंगे। इसके लिए हम पूरे साल नए मॉडल उतार रहे हैं।’
बहुराष्ट्रीय कार कंपनियों में स्कोडा ऑटो इंडिया भी कीमत के मामले में बेहद एहतियात बरत रही है। कंपनी के सेल्स ऐंड मार्केटिंग बोर्ड के सदस्य थॉमस क्युल ने कहा कि बाजार में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए वह कम कीमत वाले मॉडल उतारने पर विचार कर रहे हैं।
ऐसे में कीमत बढ़ाने की बात तो सोची भी नहीं जा सकती। उन्होंने कहा कि भारत में ही नहीं दुनिया भर में कार निर्माताओं पर लागत का बोझ बढ़ रहा है, लेकिन इससे निपटने के दूसरे तरीके अपनाए जा रहे हैं, ग्राहकों पर बोझ नहीं लादा जा रहा।
कुछ बढ़ाएंगी कीमत
अलबत्ता ऐंबेसडर जैसी कार बनाने वाली हिंदुस्तान मोटर्स ने यह बोझ खुद सहने से इनकार कर दिया है। कंपनी के प्रबंध निदेशक आर संथानम ने कहा कि कंपनी लागत के मद्देनजर जल्द ही कीमतों की समीक्षा कर सकती है।
उन्होंने कहा, ‘हालांकि हम पहले ही अपने ग्राहकों पर यह बोझ लाद चुके हैं। लेकिन अगले दो महीने हमारे लिए बेहद अहम हैं। लागत कम नहीं होती,तो हमें कीमतें बढ़ानी पड़ेंगी।’ जनरल मोटर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक कार्ल स्लिम ने भी कहा कि लागत को काबू में करना यदि संभव नहीं होता है, तो उनकी कंपनी अपने उत्पादों की कीमत बढ़ा देगी।