ब्रिटेन की दिग्गज तेल और गैस उत्खनन कंपनी केयर्न एनर्जी को भी मुनाफे में गिरावट झेलनी पड़ी है।
चालू वर्ष की पहली छमाही के दौरान कंपनी के मुनाफे में पिछले साल की पहली तिमाही के मुकाबले 75 फीसद की कमी आई है। इसकी वजह है कि कंपनी ने पिछले साल अपने कुछ शेयर बेचे थे, जिनकी वजह से उसे ज्यादा मुनाफा हुआ था।
केयर्न ने अपने बयान में बताया कि पिछले साल की पहली छमाही में उसकी शुद्ध आय 6,536 अरब रुपये थी जो अब घटकर 1,612.5 करोड़ रुपये ही रह गई है। केयर्न के मुख्य कार्यकारी बिल गेमल ने कहा, ‘केयर्न इंडिया साल 2009 की दूसरी छमाही के दौरान राजस्थान से कच्चे तेल की आपूर्ति कर सकेगी। इस क्षेत्र में कंपनी की बाकी संपत्ति का भी ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने की तरफ कंपनी ने कदम बढ़ा दिए हैं।’
उन्होंने बताया कि पहली छमाही के दौरान कंपनी की बिक्री 597 करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग 774 करोड़ रुपये हो गई है। उन्होंने बताया कि कच्चे तेल को राजस्थान से पश्चिमी भारत तक लाने के लिए कंपनी ने 600 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है। केयर्न को भारत में बढ़ रही तेल की कीमतों से अधिक मुनाफा होने की उम्मीद है।
दरअसल केयर्न की प्रतिद्विंद्वी कंपनियां नियंत्रित मूल्य पर ही कच्चे तेल की बिक्री करती हैं। केयर्न ने राजस्थान में मौजूद तीनों क्षेत्रों में से रोजाना लगभग 1,75,000 बैरल तेल का उत्पादन करने की बात भी कही। जबकि कंपनी ने पहले कहा था कि वह इन क्षेत्रों से रोजाना लगभग 1,50,000 बैरल तेल का ही उत्पादन करेगी।
राजस्थान में कंपनी का सबसे बड़ा तेल क्षेत्र बनाने के लिए केयर्न इंडिया ने आईपीओ से लगभग 85 अरब रुपये की कमाई की थी। कंपनी इस रकम का इस्तेमाल इस क्षेत्र को विकसित करने में कर रही है। गैमल ने जून में घोषणा की थी कि अगले 18 महीनों में कंपनी उत्तरी भारत और राजस्थान में मौजूद तेल क्षेत्रों को विकसित करने के लिए लगभग 86 अरब रुपये का निवेश करेगी।