वैश्विक आर्थिक मंदी और मुंबई आतंकी हमले की परछाईं देश के होटल कारोबार से दूर होने का नाम ही नहीं ले रही।
तभी तो देश की प्रमुख होटल चेन इंडियन होटल्स लिमिटेड (आईएचएल) और ईस्ट इंडिया होटल्स (ईआईएच) को पिछले 5 साल में पहली बार नुकसान होने की आशंका है।
एक सर्वेक्षण के मुताबिक, ताज होटलों का संचालन करने वाली इंडियन होटल्स लिमिटेड का मुनाफा चालू वित्त वर्ष में करीब 47 फीसदी घट सकती है। वहीं ओबेरॉय समूह की ईस्ट इंडिया होटल्स का मुनाफा 31 फीसदी गिरने का अंदेशा है।
उल्लेखनीय कि इंडियन होटल्स ने पिछले वित्त वर्ष में 377 करोड़ रुपये की कमाई की थी। चालू वित्त वर्ष में यह घटकर 200 करोड़ रुपये तक आने का अनुमान है। इसी तरह ईस्ट इंडिया होटल्स का शुद्ध मुनाफा पिछले साल के 223.6 करोड़ रुपये से घटकर 154 करोड़ रुपये तक गिरने की उम्मीद है।
जानकारों के मुताबिक, होटलों की बुकिंग में 55 फीसदी की गिरावट हुई है। मंदी के चलते जहां तमाम कंपनियों ने यात्राओं पर या तो पूरी तरह रोक लगा दी है या इसे न्यूनतम कर दिया है। इसके अलावा, मुंबई पर आतंकियों के हमले के चलते पर्यटक यात्रा करने से परहेज कर रहे हैं। सिटी ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 60 फीसदी बुकिंग रद्द हो गई है।
जनवरी 2008 में बुकिंग दर जहां 78 फीसदी थी, वहीं जनवरी 2009 में यह घटकर 58 फीसदी रह गई है। नकारात्मक माहौल भांप होटल कारोबारियों ने कमरों के किराए में करीब 14 फीसदी की कटौती कर दी है।
जानकारों के मुताबिक, अगर भविष्य में किराए में और कटौती हुई तो होटलों के मुनाफे पर असर पड़ेगा। इंडियाइन्फो लाइन का अनुमान है कि अगले 2 साल तक होटल उद्योग के मुनाफे पर दबाव रहेगा। यही वजह है कि इंडियन होटल्स ने मुंबई और नोएडा में प्रस्तावित निवेश योजना फिलहाल टाल दी है।
