फरवरी के पहले दो सप्ताह में नजर आए निरंतर सुधार से उत्साहित बिजनेस होटल होटलों को कॉरपोरेट क्षेत्र की मांग का इंतजार है, खास तौर पर महानगरों में, जिनमें मुंबई, बेंगलूरु, चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद भी शामिल हैं। प्रति उपलब्ध कमरे के राजस्व (रेवपीएआर) के मामले में बिजनेस होटल अपने अवकाश वाले समकक्षों से पीछे चल रहे थे। लेकिन इसमें बदलाव होने वाला है। आतिथ्य-सत्कार क्षेत्र की फर्मों की राय है कि कॉरपोरेट के रूप में मुलाकातों, प्रोत्साहनों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों (एमआईसीई) की भारी मांग लगातार भौतिक आयोजनों की मेजबानी के लिए लौट रही है, साथ ही अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर हाल ही में घोषित प्रतिबंधों में ढील से राजस्व मेंं कोविड से पहले वाले स्तर के करीब पहुंचने में मदद मिलेगी। जनवरी में चरम पर पहुंचने वाली ओमीक्रोन की लहर ने अगस्त 2021 के बाद से होटलों में नजर आई मासिक आधार पर मजबूत सुधार को पटरी से उतर दिया था।
शैले होटल्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी संजय सेठी ने कहा ‘होटल में रहने (ऑक्यूपेंसी) और कारोबारी यात्रा में हम तेजी से सुधार का रुझान देख रहे हैं।’ तीसरी लहर की वजह से जनवरी में देशव्यापी रूप से ऑक्यूपेंसी में गिरावट देखी गई थी। हालांकि यह गिरावट उतनी भयावह नहीं थी, जितनी पहले की लहरों में देखी गई थी। पहली लहर के शीर्ष स्तर के दौरान 17 प्रतिशत की तुलना में शैले के होटलों में ऑक्यूपेंसी 38 प्रतिशत रही है। सेठी ने कहा कि जनवरी में ऑक्यूपेंसी को कारोबारी यात्रा से मदद मिली है। सेठी ने कहा कि जनवरी के अंत से लेकर फरवरी की शुरुआत तक यह रफ्तार मजबूत रही है। मध्य खंड वाले होटल ब्रॉन्ड में भी बुकिंग और ऑक्यूपेंसी में तेजी का रुख नजर आ रहा है।
