अमेरिकी, ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में मंदी और बैंकिंग, वित्त तथा बीमा सेवाओं के कारोबार में आई सुस्ती के कारण बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियां चालू वित्त वर्ष में कम संख्या में नियुक्तियां कर रही हैं।
लेकिन सिर्फ बिजपेय प्रॉसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) कारोबार और मुख्य कारोबार के साथ बीपीओ कारोबार करने वाली भारतीय कंपनियां नियुक्तियों के मामले में तेजी का रुख अपनाए हुए हैं। वे आईटी कंपनियों के उलट पिछले कुछ महीनों के दौरान भारत में अपने कर्मियों की संख्या में इजाफा कर रही हैं।
भारती आईटी कंपनियां अपनी मौजूदा कर्मचोरियों का ही इस्तेमाल कर रही हैं और मार्जिन को बचाने के लिए कुछ ही कर्मियों को रख रही हैं। इन्फोसिस ने कहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष के लिए कंपनी 10,000 कम नियुक्तियां करेगी, टीसीएस ने लागत बचाने के लिए अपनी नियुक्तियों में फेरबदल की है और मझोली आईटी कंपनी हेक्सावेयर ने लगभग दो तिमाहियों के लिए नियुक्तियों की योजना रद्द ही कर दी है।
ब्रिटेन की सबसे बड़ी बीपीओ कंपनी कैपिटा के मुख्य कार्यकारी ने हाल ही में अपनी यात्रा के दौरान बिजनेस स्टैंडर्ड को कहा कि अगले 12 महीनों में भारतीय केंद्र 1,000 लोगों को नियुक्त करेगा। इसी तरह ब्रिटेन की ही कन्वर्जिस ने घोषणा की है कि इस साल के अंत तक वह 2,500 लोगों को नौकरी देगी।
ऐरीसेंट ने बताया कि दुनियाभर में अपने कर्मियों की संख्या में विस्तार की योजना के तहत कपंनी इस साल के अंत तक कर्मियों की संख्या में 10 प्रतिशत तक इजाफा करेगी, जिसमें भारतीय परिचालन कार्यों पर खास तौर पर अधिक जोर रहेगा। हाल ही में कंपनी के भारत में कर्मियों की संख्या 6,000 से कुछ ही बढ़ी है।
बीपीओ कंपनियों का मानना है कि अधिक काम भारत जैसे देशों को मिलेगा। लागत को कम करने और परिचालन कार्यों में कुशलता को लाने के चलते, कैपिटा ने अपने ग्राहकों के लिए ऑफशोर और ऑनशोर कारोबारी मॉडल पेश किया है। इसके तहत कंपनी ने भारत में अपने कर्मियों की संख्या में इजाफा किया है।
कैपिटा के मुख्य कार्यकारी पॉल पिंडर का कहना है, ‘हमने लगभग 300 करोड़ पौंड के बराबर काम के लिए बोली लगाई है, जिसमें से ढर सारा काम भारत में हमारे केंद्रो में आएगा।’ वैल्युनोट्स डाटाबेस के अध्ययन के मुताबिक स्थानीय बीपीओ कंपनियों अगले चार साल में मिलकर 5,40,00 कर्मचारियों को रोजगार देंगी, जिनकी वर्तमान संख्या 1,40,000 है।
डब्ल्यूएनएस ग्लोबल सर्विसेज के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कार्तिक सरमा का मानना है कि बीपीओ उद्योग की स्थिति आईटी उद्योग से अलग है। मंदी वाली अर्थव्यवस्था आईटी व्यय में कटौती की वजह बन सकती है, लेकिन इसका बीपीओ उद्योग पर कोई असर नहीं पड़ता। राजस्व की बड़ी मात्रा साल-साल के लिए लंबे समय के करारों से मिलती है।
लेकिन बीपीओ कंपनियों को नियुक्तियों के मामले में अंतरराष्ट्रीय मैदान में कम उम्मीद है। इन्फोविजन सॉफ्टवेयर के अध्यक्ष आदित्य गुप्ता को लगता है कि अंतरराष्ट्रीय माहौल अभी कर्मियों की संख्या में इजाफे के लिहाज से अनुकूल नहीं है, लेकिन कंपनी की भारत में अपनी मौजूदा कर्मचारियों की संख्या 12,000 में 5,000 और लोगों को शामिल करने की है।