सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 2,872.77 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ कमाया है। यह वित्त वर्ष 2020-21 की समान अवधि के 2,187.74 करोड़ रुपये की तुलना में 31.31 फीसदी अधिक है।
बीपीसीएल ने अपने तिमाही नतीजों में बताया कि अप्रैल-जून 2021 के दौरान उसकी कुल आय भी भारी बढ़त के साथ 90,131.33 करोड़ रुपये पर पहुंच गई जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 51,446.23 करोड़ रुपये रही थी।
सरकारी तेल विपणन कंपनी का पहली तिमाही में सकल शोधन मार्जिन (जीआरएम) 4.12 डॉलर प्रति बैरल रहा है जबकि अप्रैल-जून 2020 में यह 0.39 डॉलर प्रति बैरल था। आईसीआसीआई डाइरेक्ट रिसर्च का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021-22 में बीपीसीएल का मार्जिन 3.9 डॉलर प्रति बैरल रहेगा जबकि अगले वित्त वर्ष में इसके 4.5 डॉलर प्रति बैरल पहुंच जाने का अनुमान है। कंपनी ने बताया कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उसकी कुल बाजार बिक्री 96.3 लाख टन रही है जबकि उसकी मुंबई एवं कोच्चि रिफाइनरियों का उत्पादन 64.4 लाख टन था। इस तिमाही में बीपीसीएल ने 8.95 फीसदी का औसत एथेनॉल मिश्रण स्तर भी हासिल किया।
इरकॉन को 88.99 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ इरकॉन इंटरनैशनल ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में 88.99 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ अर्जित किया है जो एक साल पहले की समान अवधि के 34.46 करोड़ रुपये से 158 फीसदी अधिक है।
कंपनी के बोर्ड ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 2 रुपये प्रति शेयर के अंकित मूल्य पर 0.45 पैसा प्रति शेयर का अंतरिम लाभांश देने की भी घोषणा की है। इसके साथ ही बोर्ड ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 1.70 रुपये का संशोधित अंतिम लाभांश देने का फैसला किया जो 30 जून की बैठक में सुझाए गए 1.32 रुपये प्रति शेयर लाभांश से ज्यादा है। हालांकि यह फैसला शेयरधारकों की मंजूरी के बाद ही लागू होगा।
अप्रैल-जून तिमाही में इरकॉन की समेकित कुल आय 1,175.54 करोड़ रुपये रही जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 549.29 करोड़ रुपये थी। कंपनी ने अपने बयान में कहा कि महामारी की दूसरी लहर में उसके परिचालन पर असर पड़ा। हालांकि इरकॉन ने उम्मीद जताई है कि वह मौजूदा आर्थिक हालात को देखते हुए रिकवरी करने में सफल होगी। तिमाही के अंत में उसका कुल ऑर्डर बुक 32,312 करोड़ रुपये का था जिसमें रेलवे का हिस्सा 32,605 करोड़ रुपये का था।
अशोक लीलैंड को पहली तिमाही में घाटा
हिंदुजा समूह की कंपनी अशोक लीलैंड को वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में 282 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा उठाना पड़ा है जबकि पिछले साल की समान अवधि में उसे 389 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। हालांकि कंपनी को पहली तिमाही में परिचालन से मिलने वाला राजस्व तिगुने से भी ज्यादा बढ़ा है। वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में उसका परिचालन राजस्व 651 करोड़ रुपये रहा था लेकिन चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह बढ़कर 2,951 करोड़ रुपये हो गया।
आईआरसीटीसी को पहली तिमाही में लाभ
भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में 87.22 करोड़ रुपये की कुल व्यापक आय दर्ज की है। एक साल पहले समान तिमाही में कंपनी ने 25.23 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था। कंपनी के बोर्ड ने शेयर विभाजन को भी मंजूरी दी है। इसके तहत 10 रुपये अंकित मूल्य के प्रत्येक शेयर को 2 रुपये अंकित मूल्य के 5 शेयरों में विभाजित किया जाएगा। कंपनी ने कहा है कि ऐसा पूंजी बाजार में नकदी प्रवाह बढ़ाने, शेयरधारिता आधार में विस्तार करने और छोटे निवेशकों के लिए शेयर को किफायती बनाने के लिए किया गया है। तिमाही के दौरान कंपनी का कुल राजस्व बढ़कर 257.94 करोड़ रुपये हो गया जो एक साल पहले की समान अवधि में 156.49 करोड़ रुपये रहा था। आईआरसीटीसी का कैटरिंग राजस्व में गिरावट दर्ज की गई लेकिन इंटरनेट टिकटिंग, पर्यटन एवं रेल नील श्रेणी के राजस्व में बढ़ोतरी हुई।