नकदी की किल्लत झेल रहे विमानन उद्योग के लिए कुछ राहत मिलने की उम्मीद जगी है।
क्योंकि सरकारी स्वामित्व वाली विमानन कंपनी एयर इंडिया और नरेश गोयल की कंपनी जेट एयरवेज को बड़ी धनराशि बतौर कर्ज जुटाने में कामयाबी हाथ लगती दिख रही है। एयर इंडिया जहां विदेशी बैंकों से 1 अरब डॉलर (लगभग 5000 करोड़ रुपये) कर्ज लेने की तैयारी कर रही है, वहीं जेट एयरवेज, इंडियन ओवरसीज बैंक से 500 करोड़ रुपये कर्ज लेने में जुटी है।
एयर इंडिया 1 अरब डॉलर कर्ज के लिए एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बैंक से कर्ज लेने के लिए बात कर रही है, ताकि अपने बेड़े में 23 नए विमानों को शामिल कर सके। सूत्रों के मुताबिक, एयर इंडिया ब्रिटिश बैंक बार्कलेज से या फिर डायचे बैंक से यह कर्ज ले सकती है।
एयर इंडिया एक हफ्ते के अंदर इनमें से किसी एक बैंक से कर्ज लेने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे देगी। इस रकम से एयर इंडिया 23 एयर बस खरीदेगी, जिसका ऑर्डर पहले ही दिया जा चुका है।
नरेश गोयल की विमानन कंपनी जेट एयरवेज 500 करोड़ रुपये के कर्ज के लिए इंडियन ओवरसीज बैंक से बात कर रही है। हालांकि बैंक के अधिकारियों ने इस डील के बारे में बात करने से इनकार कर दिया।
इसके साथ ही जेट करीब 1000 करोड़ रुपये आबूधाबी की निवेश कंपनी मुबादला डेवलपमेंट कंपनी से लेने की योजना बना रही है। विमानन कंपनियों को बैंकों की ओर से यह कर्ज किस दर पर मुहैया कराई जा रहा है और कर्ज की अवधि कितनी होगी, इसके बारे में अभी पता नहीं चल पाया है।
हालांकि सूत्रों ने बताया कि ओवरसीज बैंक जेट को प्रतिस्पर्धी दर पर ही कर्ज देगा। उद्योग जगत के सूत्रों का कहना है कि डॉलर मद में लिया जाने वाला कर्ज लाइबोर दर के आधार पर 1000 बेसिस प्वाइंट पर दिया जाता है। लेकिन सरकारी गारंटी होने पर लाइबोर 450-500 बेसिस प्वाइंट भी हो सकता है।
सूत्रों का कहना है कि मौजूदा समय में डायचे 120 बेसिस प्वाइंट, जबकि बार्कलेज बैंक 140 बेसिस प्वाइंट के आधार पर कर्ज दे रहा है। गौरतलब है कि मंदी की वजह से विमानन कंपनियों को भारी घाटा उठाना पड़ रहा है और उसे परिचालन में भी समस्याओं का सामना पड़ रहा है।
एयर इंडिया को करीब 2,500 करोड़ रुपये का घाटा होने का अनुमान है, जबकि सरकार की ओर से 2,350 करोड़ रुपये का ऋण आसान दरों पर उपलब्ध कराया गया है।
उधर, जेट एयरवेज को तेल कंपनियों के बकाया राशि के भुगतान में समस्या आ रही है। साथ ही पैसे की किल्लत के चलते उसे परिचालन में भी दिक्कत हो रही है। कंपनी ने दूसरी तिमाही में 384 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया था।
विमान भी किराए पर उठाएगी एयर इंडिया
एयर इंडिया ने अपने कुछ विमानों में से कुछ को किराए पर उठाकर लगभग 850 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है।
एयर इंडिया ने अपने छह विमानों की बिक्री एवं किराए पर उठाने (लीज बैक) के संबंध में सात वर्ष की अवधि के लिए अंतरराष्ट्रीय निविदाएं जारी की हैं। उक्त विमानों में एक बोइंग 747-400 और पांच एयरबस ए 320-200 शामिल हैं।
माल्या ने मांगी विदेशी माल जुटाने की मंजूरी
किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या ने कहा कि उनसे कई विदेशी विमानन कंपनियों ने किंगफिशर एयरलाइंस में हिस्सेदारी के संबंध में पूछताछ की है। जबकि मौजूदा नीति के अनुसार विदेशी विमानन कंपनियों को भारतीय विमानन कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति नहीं है।
लिहाजा माल्या ने सरकार को लिखा है कि वह विदेशी विमानन कंपनियों को कम से कम एक चौथाई हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी दें।