राष्ट्रीय विमानन नियामक डीजीसीए ने बोइंग कंपनी के 737 मैक्स विमानों के परिचालन पर लगी रोक को तत्काल प्रभाव से हटाने का फैसला किया है। इसके साथ ही करीब ढाई साल से बोइंग 737 मैक्स विमानों के भारत में उड़ान भरने पर लगी रोक हटने का रास्ता साफ हो गया है। नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने गुरुवार को जारी अपने आदेश में कहा कि बोइंग कंपनी के 737 मैक्स विमानों के परिचालन की अनुमति ‘लागू शर्तों पर संतुष्ट होने के बाद’ ही दी जा रही है। नियामक के एक अधिकारी ने 737 मैक्स विमानों की वाणिज्यिक उड़ानों पर लगी रोक हटाए जाने की पुष्टि भी की।
भारत के विमानन नियामक ने 13 मार्च 2019 को बोइंग के सभी 737 मैक्स विमानों को वाणिज्यिक उड़ान भरने से प्रतिबंधित कर दिया था। इन विमानों को खड़ा करने का यह कदम 10 मार्च 2019 को आदिस अबाबा के पास इथियोपियन एयरलाइंस के एक 737 मैक्स विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उठाया गया था। उस हादसे में 157 लोगों की मौत हो गई थी जिसमें चार भारतीय नागरिक भी शामिल थे।
अपने मैक्स विमानों के उड़ान भरने पर रोक लगने के बाद से ही अग्रणी विमान निर्माता कंपनी बोइंग इनमें सुधार करने की कोशिशों में लगी हुई है। इन विमानों में किए गए सुधारों से काफी हद तक संतुष्ट होने के बाद करीब 175 देशों ने 737 मैक्स विमानों को फिर से उड़ान भरने की मंजूरी दे दी है। दुनिया की 30 विमानन कंपनियां अपने परिचालन में मैक्स विमानों का इस्तेमाल शुरू भी कर चुकी हैं। बड़े देशों में से अब सिर्फ चीन में ही बोइंग 737 मैक्स विमानों के उड़ान पर रोक लगी हुई है। वैसे बोइंग ने अगस्त की शुरुआत में चीन के अधिकारियों के समक्ष अपने 737 मैक्स विमान की एक परीक्षण उड़ान भी संचालित की थी।
भारत की एयरलाइंस में से सिर्फ स्पाइसजेट ही इन विमानों का इस्तेमाल करती रही है। उसने बोइंग को 737 मैक्स श्रेणी के 100 विमानों के ऑर्डर दिए हुए हैं। बाजार हिस्सेदारी के हिसाब से भारत की दूसरी बड़ी एयरलाइन स्पाइसजेट ने मैक्स विमानों के उड़ान भरने पर लगी रोक को देखते हुए एवलॉन से पट्टे पर विमान लेने का करार भी किया है।