हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल ई अब अपने गैर-टीका ब्रांडेड फार्मास्युटिकल फॉर्मूलेशन एवं जटिल इंजेक्शन दवा कारोबार पर ध्यान केंद्रित करेगी। कंपनी ने अगले तीन वर्षों के दौरान इस श्रेणी में अपनी उल्लेखनीय स्थिति हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
निजी क्षेत्र की इस दवा कंपनी का कुल कारोबार करीब 1,000 करोड़ रुपये का है जिसमें टीका कारोबार का योगदान फिलहाल 70 से 80 फीसदी है। कंपनी ने अपने ब्रांडेड फॉर्मूलेशन कारोबार को बढ़ाकर 2025 तक 1,000 करोड़ रुपये के पार पहुंचाने और जटिल इंजेक्शन दवा के तहत कुल कारोबार को 2,000 से 2,500 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा टीका कारोबार की वृद्धि भी जारी रहेगी क्योंकि कंपनी अगले तीन से चार साल के दौरान मात्रा के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी टीका विनिर्माता बनने का लक्ष्य रख रही है।
कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी (टीका एवं घरेलू ब्रांडेड फॉर्मूलेशन) लक्ष्मीनारायण नेति ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘फिलहाल हम हेपरिन और नोसकैपिन आधारित खांसी की दवाओं के अग्रणी आपूर्तिकर्ताओं में शामिल हैं।’ उन्होंने कहा कि बायोलॉजिकल ई भारत में हेपरिन इंजेक्शन को लॉन्च करने वाली पहली कंपनी है। कंपनी गंभीर उपचार श्रेणी में काम करती है और उसके उत्पाद पोर्टफोलियो में श्वसन, खांसी, पेट की बीमारी, पोषण संंबंधी, संक्रमणरोधी, दर्दनिवारक एवं गंभीर उपचार आदि की दवाएं शामिल हैं।
बायोलॉजिकल ई भारत में जीवन रक्षक और सर्प दंश के उपचार के लिए पॉलि-वेलेंट एंटी-स्नेक वेनम की अग्रणी विनिर्माता एवं आपूर्तिकर्ता है। नेति ने कहा कि कंपनी अब अपने विरासत वाले ब्रांडों को मजबूती देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। ये दवाएं डॉक्टरों के बीच पहले से ही काफी लोकप्रिय रही हैं। उन्होंने कहा, ‘हम देश में इन ब्रांडों की पहुंच बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। फिलहाल भारत में हम अपनी बिक्री टीम के जरिये 1 लाख से अधिक डॉक्टरों तक पहुंच रहे हैं। इसके लिए तीन बिक्री एवं विपणन प्रभागों के तहत करीब 800 लोग कार्यरत हैं।’
जहां तक जटिल जेनेरिक दवा कारोबार का सवाल है तो कंपनी ने हर दो साल में एक जटिल जेनेरिक दवा विकसित करने की योजना बनाई है। पिछले कुछ वर्र्षों के दौरान कंपनी ने इसके लिए 250 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी (स्पेशिएलिटी जेनेरिक इंजेक्टेबल) मधुसूदन राव ने कहा कि बायोलॉजिकल ई ने पिछले साल साल के दौरान जटिल जेनेरिक श्रेणी में अपनी पैठ बनाई है।
