प्रमुख औषधि कंपनी बायोकॉन भारत में इटोलिजुमैब के लिए पूर्ण विपणन अधिकार हासिल करने के लिए आवेदन कर सकती है। यह एक नई एंटीबॉडी दवा है जिसका उपयोग कोविड-19 से संक्रमित रोगियों के उपचार में किया जाता है। यदि भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) कंपनी को इटोलिजुमैब (ब्रांड नाम अल्जुमैब) के लिए पूर्ण विपणन की मंजूरी देता है तो यह कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए पूर्ण मंजूरी हासिल करने वाली पहली दवा होगी। अब तक गिलियड की एंटीवायरल दवा रेमडेसिविर अथवा रॉश की एंटीबॉडी दवा टोसिलिजुमैब जैसी रीपरपस्ड दवाओं को विभिन्न देशों में आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी गई है।
बेंगलूरु की इस प्रमुख औषधि कंपनी के प्रबंध निदेशक अरुण चंदवरकर ने कहा, ‘हम इस तिमाही के अंत तक इटोलिजुमैब के लिए चौथे चरण के परिणाम आने की उम्मीद करते हैं। यह करीब 300 रोगियों से जुटाई गई वास्तविक दुनिया का डेटा होगा।’ यह अध्ययन ऐसे समय में किया गया है जब इस दवा को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है और यहबाजार में पहले से ही उपलब्ध है। चौथे चरण के अध्ययन से कई महत्त्वपूर्ण सवालों का जवाब देने में मदद मिलेगी जैसे इसका प्रतिकूल प्रभाव क्या है जिसके बारे में क्लीनिकल परीक्षण में अधिक गौर नहीं किया गया था।
चौथे चरण के अध्ययन के परिणाम से कोविड-19 के लिए मानक देखभाल (एसओसी) प्रोटोकॉल में इस दवा को शामिल करने में भी मदद मिल सकती है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोविड-19 के उपचार के लिए प्रोटोकॉल में फिलहाल इस दवा को शामिल नहीं किया है। सोरायसिस के उपचार के लिए इस दवा को 2013 से ही विपणन मंजूरी हासिल है।
इटोलिजुमैब टी-कोशिका में मौजूद सीडी6 प्रोटीन चुनिंदा तौर पर लक्षित करती है जो एक प्रकार का सफेद रक्त कोशिका है। शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में इसकी एक महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। कोविड-19 संक्रमण के मामले में इन टी-कोशिकाओं के सक्रिय होने के कारण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अधिक संवेदनशील हो जाती है जिसे साइटोकाइन स्टॉर्म कहते हैं। यही सूजन अथवा अंगों के नुकसान का कारण बनता है।
इटोलिजुमैब सीडी6 को बाध्य करते हुए टी-कोशिका के सक्रिय होने को नियंत्रित करती है और इस प्रकार साइटोकाइन की प्रक्रिया को नियंत्रित किया जाता है। भारत में अब तक 27,000 कोविड-19 रोगियों को इटोलिजुमैब दवा दी गई है। बायोकॉन के अलावा सन फार्मा भी इस दवा का विपणन इटोलिजैक ब्रांड के तहत करती है।
कंपनी प्रवक्ता ने कहा, ‘हमने वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के दौरान मांग में तेजी से निपटने के लिए इसका उत्पादन बढ़ाया था। हम उम्मीद करते हैं कि भारत में कोविड की स्थिति में सुधार हो और संक्रमण का काई अन्य लहर न आए लेकिन हम मांग में किसी भी तेजी से निपटने और रोगियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार हैं।’
