ऑनलाइन माध्यम से किराना सामान बेचने वाली कंपनी बिगबास्केट ने बेंगलूरु में फ्रेशो स्टोर से फल एवं सब्जियां बेचने की शुरुआत की है। कंपनी ने आज बताया कि उसका यह स्टोर स्वचालित है और यहां कोई कर्मचारी नहीं होता। कंपनी 2023 तक पूरे देश में ऐसे 200 और 2026 तक 800 स्टोर खोलना चाहती है।
बेंगलूरु में कंपनी का स्टोर अक्टूबर में खुला था और अब यहां रोजाना 500-600 ग्राहक पहुंचते हैं। बिगबास्केट के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी हरि मेनन ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘देश में ऐसे 800 स्टोर खोलने पर करीब 300-400 करोड़ रुपये खर्च होंगे। एक स्टोर पर लगभग 50 लाख रुपये खर्च होंगे।’ उन्होंने कहा कि कंपनी देश के उन 50 करोड़ लोगों तक पहुंचना चाहती है जो ऑनलाइन किराना नहीं मंगाते। उन्होंने कहा, ‘फ्रेशो स्टोर ‘क्लिक ऐंड पिक’ मॉडल पर काम करेगा, जहां ग्राहक 50,000 से अधिक एसकेयू से ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं और फ्रेशो स्टोर से सामान उठा सकते हैं।’
प्रबंधन परामर्श कंपनी टेक्नोपैक में सीनियर पार्टनर अंकुर बिसेन ने कहा, ‘माना जा रहा था कि टाटा ने डिजिटल माध्यम से कारोबार को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के लिए बिगबास्केट का अधिग्रहण किया गया है। मुझे लगता है कि इस योजना में यह दिलचस्प बदलाव है। मगर इसमें हैरान होने की कोई बात नहीं है क्योंकि डीमार्ट और रिलायंस भी ऐसे मानव रहित किराना स्टोर चला रही हैं।’ उन्होंने कहा, ‘एमेजॉन भी ब्रिटेन में फिजिकल स्टोर खोलने के मामले में टेस्को को पीछे छोडऩे के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।’ फ्रेशो स्टोर में कृत्रिम मेधा एवं नई तकनीक की मदद से काउंटर पर बिल स्वत: तैयार हो जाते हैं। ग्राहक अपनी पसंद की वस्तुएं खरीदकर काउंटर पर इन्हें तोलते हैं। स्वचालित कंप्यूटर वस्तुओं की पहचान कर बिल तैयार कर देता है। बिगबास्केट ने कहा, ‘फ्रेशो स्टोर से फल एवं सब्जियां बेचने के लिए हमने विशेष पहल की है। इसके तहत हमने फल एवं सब्जियां खरीदने के लिए देश भर में 30,000 से अधिक किसानों के साथ समझौते किए हैं। अपने इस कार्यक्रम के तहत हम सीधे किसानों से उनके उत्पाद खरीदते हैं। हमारी इस व्यवस्था में सभी ताजा उत्पादों के स्रोत की पूरी जानकारी होती है और हम अपने ग्राहकों को प्रत्येक उत्पाद भेजने वाले किसानों का ब्योरा देते हैं।’
