सरकार कई स्थानीय खुदरा विक्रेताओं को सक्षम बनाने के लिए ओपन नेटवर्क पर एक डिजिटल मंच तैयार करने की योजना बना रही है। इस मंच की मदद से खुदरा कारोबारी अपने उत्पाद और सेवाओं की बिक्री कर सकते हैं। इसकी वजह से कर्जदाताओं, बाजारों और खुदरा भुगतान तथा निपटान संस्थाओं सहित शीर्ष खिलाडिय़ों की दिलचस्पी बढ़ी है।
सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के शीर्ष बैंक, घरेलू बाजार, भारतीय राष्ट्रीय भुगताना निगम (एनपीसीआई) निजी क्षेत्र के नेतृत्व वाली गैर-लाभकारी कंपनी का प्रवर्तक बनने के लिए तैयार हैं जो ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) शुरू करेगी। इस नेटवर्क का मकसद डिजिटल एकाधिकार जैसे हालात बनने से रोकना है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘एनपीसीआई के अलावा भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज, बंबई स्टॉक एक्सचेंज, नैशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने प्रवर्तक बनने का वादा किया है।’
ओएनडीसी खुले नियमों पर आधारित नेटवर्क है और यह आवागमन, किराने के सामान, खाने के सामान का ऑर्डर देने, डिलिवरी, होटल बुकिंग और यात्रा जैसे क्षेत्रों में स्थानीय कारोबार को सक्षम बनाएगा। सरकार का मानना है कि वह उपभोक्ताओं को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उत्पाद खरीदने के लिए स्वतंत्र और उचित विकल्प देगी।
ओनडीसी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों और छोटे व्यापारियों को ऑनलाइन मंचों पर लाने में मदद करेगी जिससे उन्हें भी डिजिटलीकरण का उतना ही लाभ मिलेगा। यहां खरीदार और विक्रेता एक ही मंच का इस्तेमाल कारोबारी लेनदेन के लिए करेंगे।
अधिकारी ने कहा, ‘उदाहरण के लिए ओएनडीसी मंच ऑफलाइन कारोबारियों को भी ऑनलाइन मंच के माध्यम से अपने उत्पादों को बेचने का समान मौका देगा। यह उत्पाद या सेवा की एक विशिष्ट श्रेणी तक सीमित नहीं होगा।’ विचार यह है कि ई-कॉमर्स के दिग्गजों के साथ-साथ ऑफलाइन व्यापारियों के लिए भी समान अवसर तैयार किया जाए, जो इन ई-टेलर्स के अनुचित कारोबार को लेकर शिकायत कर रहे हैं । अधिकारी ने कहा कि इसके लिए आवेदन स्थानीय भाषा में भी उपलब्ध होंगे ताकि देश के किसी भी हिस्से में विक्रेता बिना किसी बाधा (भाषाई) के इस तक पहुंच सकें।
सरकार के अनुसार गैर-लाभकारी कंपनी से पारदर्शिता के मानदंडों का पालन किए जाने की अपेक्षा की जाती है। इस पहल का नेतृत्व करने वाले उद्योग एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने कहा था, ‘इस इकाई की भूमिका प्रौद्योगिकी को सक्षम बनाने, खिलाडिय़ों द्वारा व्यापक पैमाने पर स्वैच्छिक भागीदारी को प्रोत्साहित करके नेटवर्क का विकास करने से जुड़ी होगी। यह उपभोक्ता संरक्षण, निष्पक्ष व्यापार और नियामक अनुरूपता के सिद्धांतों के आधार पर नेटवर्क की आचार संहिता तथा नियम के जरिये नेटवर्क में अनुशासन सुनिश्चित करेगा’
